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अब मोबाइल पर एक क्लिक से चलेंगी नहरें, आठ किमी सुरंग से गुजरेगा पानी

जिले के सोजपुर गांव के पास परवन सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन अकावद बांध से निकलने वाली नहरें मोबाइल से ऑपरेट होंगी। नहरों में कितना पानी छोड़ना है, खेतों को कितना पानी चाहिए और पानी का कितना शुल्क लगेगा, यह सब मोबाइल से ही संचालित होगा।

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जयप्रकाश सिंह, जगदीश परालिया
जिले के सोजपुर गांव के पास परवन सिंचाई परियोजना के तहत निर्माणाधीन अकावद बांध से निकलने वाली नहरें मोबाइल से ऑपरेट होंगी। नहरों में कितना पानी छोड़ना है, खेतों को कितना पानी चाहिए और पानी का कितना शुल्क लगेगा, यह सब मोबाइल से ही संचालित होगा। इस बांध की नहर आठ किलोमीटर लम्बी सुरंग से होकर गुजरेगी। बांध बनने के बाद झालावाड़, कोटा और बारां जिले की दो लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन सिंचित होगी। पेयजल की समस्या भी दूर होगी। इस परियोजना के लिए पिछले 40 साल से ज्यादा समय से कवायद चल रही है, लेकिन इसे मूर्त रूप अगले साल ही मिल पाएगा। वर्ष 1982 में इस बांध के लिए सर्वे करवाया गया। बाद में फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। वर्ष 2013 में फिर से कवायद शुरू हुई।

मार्च तक पूरा होगा सुरंग का काम
बांध से बारां जिले को पानी पहुंचाने के लिए पहाड़ों के नीचे से नहर के लिए सुरंग बनाई जा रही है। यह करीब 8.7 किलोमीटर लम्बी यह सुरंग है, जिसका करीब पांच किलोमीटर लम्बा काम पूरा हो गया है। सुरंग खोदने के लिए चीन और अमरीका से ड्रिल मशीनें मंगवाई गई हैं। मार्च तक काम पूरा होने की उम्मीद है। सुरंग के दोनों किनारों पर जल प्रवाह नियंत्रित करने के लिए गेट भी लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2018 में सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था।

यों पहुंचेगा खेतों तक पानी
- इस परियोजना में दाईं मुख्य नहर की लंबाई 90 किलोमीटर तथा बाईं मुख्य नहर की लंबाई 52 किलोमीटर है। दोनों नहरों से पाइप लाइन बिछाई जाएगी, जो खेतों तक पानी पहुंचाएगी।
- प्रत्येक 25 बीघा भूमि के बीच पानी का पॉइंट होगा, जहां से किसान अपने खेत तक पानी पाइप लाइन के माध्यम से ले पाएंगे।
- सिंचाई कार्य अत्याधुनिक स्काडा सिस्टम से किया जाएगा। यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक और मोबाइल ऑपरेटेड रहेगा। पूरी सिंचाई प्रणाली की निगरानी और नियंत्रण मोबाइल एवं अन्य ऑनलाइन माध्यम से रहेगा।

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- प्रत्येक इलाके में सिंचाई का पानी देने का अलग-अलग समय निर्धारित किया जाएगा। निर्धारित समय पर उच्च दबाव के साथ पाइप लाइनों में पानी छोड़ा जाएगा, ताकि किसानों को समय पर पूरा पानी मिल सके।
- इससे 1821 गांवों में पीने का पानी मिलेगा। 79 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड एवं छबड़ा के मोतीपुरा स्थित पावर प्लांट को मिलेगा।

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