आयुर्वेद में औषधि युक्त काघ कारगर साबित होता है। दरअसल हम पहले भी स्वाइन फ्लू, समेत अन्य महामारी रोकथाम में आयुर्वेद का साथ ले चुके हंै। अब जब कोरोना महामारी में यूमिनिटी पावर क्षमता को बढ़ाने में काढ़ा ही कारगर साबित होता है, जो अब खानपुर ब्लॉक में मिलना लगभग बंद हो चुका है। इससे की कोरोना की जंग को लडऩा मुश्किल नजर आ रहा है।
आयुर्वेद विभाग के भरोसे पुराने लोग आज भी अपना जीवन यापन करते हंै। बहुत से इलाकों में ग्रामीण अपनी बीमारी को दूर भगाने के लिए देशी दवाओं का ही सेवन करते हंै। उसके बावजूद भी मेडिकल विभाग में स्टाफ की कमी नहीं होते हुए भी आयुर्वेद अस्पतालों के ताले लगाने से ग्रामीणों को दोहरी मार झेलनी सकती हैं।
राज्य सरकार के द्वारा आयुर्वेद विभाग को मेडिकल विभाग के अधीन अधिकृत करने बाद समूचे ब्लॉक के आयुर्वेदिक अस्पतालों में कार्यरत कार्मिकों को मेडिकल विभाग ने अपने हिसाब से कोरोना ड्यूटी में तैनात करने से अस्पतालों के ताले लग गए हंै। जबकि आयुष अस्पतालों की औषधि पाने के लिए मरीजों को भटकना पड़ रहा है।
खानपुर ब्लॉक के खानपुर, दोबघ, जोलपा, जरगा, बाघेर, गोलाना, भीमसागर, तारज, दहीखेड़ा, पनवाड़, हरिगढ़, मूंडला समेत अन्य अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर, कम्पाउंडर समेत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कोरोना महामारी के चलते अन्य स्थानों पर ड्यूटी लगाने से इन अस्पतालों में ताले लग गए हैं। वहीं इन अस्पतालों में आने वाले मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
राज्य सरकार द्वारा आयुर्वेदिक विभाग को मेडिकल के अधीन अधिकृत कर दिया है। इस वजह से कार्मिकों की ड्यूटी लगाई है। दिक्कत आ रही है, समाधान करने के प्रयास करेंगे।
दिनेश गौतम, उपनिदेशक आयुर्वेद विभाग, झालावाड़
साजिद खान, सीएमएचओ, झालावाड़