उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता संभालने के कुछ दिन बाद ही उनके झूठे वादों की पोल खुलने लगी है। कांग्रेस ने 10 दिन में संपूर्ण किसानों का पूरा कर्ज माफ करने का जनता से वादा किया था, लेकिन 40 दिन बाद भी अभी तक कुछ नहीं किया है। अब किसानों की कर्जमाफी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, जबकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह कहीं नहीं लिखा कि सरकार बनने पर किसानों का कर्ज माफ करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठे वादों के दम पर सत्ता में आई है। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में बेरोजगारों को 3500 रुपए मासिक भत्ता देने का वादा किया था, सरकार बताए यह पैसा कहां से आएगा, कितनों को मिलेगा और कब शुरू होगा। कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसी तरह की शर्त नहीं थी, अब शर्तें कहां से आ रही हैं।
भाजपा सरकार ने किया कर्जा माफ
भाजपा सरकार ने 27 लाख किसानों का 50 हजार रुपए तक कर्ज ब्याज व पेनल्टी सहित माफ किया था। हमारी सरकार ने कृषि बिजली मुफ्त की थी, इसके बावजूद मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमारी सरकार ने किसानों के कर्ज के सिर्फ 2000 करोड़ रुपए ही दिए, जबकि वास्तव में भाजपा सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने के लिए करीब 12000 करोड़ रुपए का इंतजाम किया था।