बैचलर ऑफ आर्ट्स के छात्रों का उत्साह
यह कला प्रदर्शनी मुख्य रूप से बैचलर ऑफ आर्ट्स के तृतीय और चतुर्थ वर्ष के छात्रों द्वारा आयोजित की जा रही है। उन्होंने राजा रवि वर्मा की कृतियों से प्रेरणा लेकर कलाकृतियों का निर्माण किया है और संस्थान को कलात्मक गतिविधियों से सजाया है।
विभिन्न कलाकृतियों का प्रदर्शन
प्रदर्शनी में राजा रवि वर्मा की प्रसिद्ध कृतियों जैसे “गेंद से खेलती हुई”, “यशोदा और कृष्ण”, “ग्राम बेले”, “विचारों में खोई हुई महिला”, “हंस कर बात करती दमयंती”, “ऑर्केस्ट्रा”, “अर्जुन और सुभद्रा”, “हृदयविदारक”, “स्वार्बट वादक”, “शकुंतला”, “दूत के रूप में भगवान कृष्ण”, “भगवान राम के पक्षी भक्त जटायु”, “इन्द्रजीत की विजय”, “जिप्सी”, “स्वार्बट बजाती एक महिला”, “मंदिर में भिक्षा देती महिला”, “भगवान राम की वरुण पर विजय”, “पारुमाला के घीवर्गीस मार ग्रेगोरियोस नायर महिला”, “रोमांस करता जोड़ा”, “द्रौपदी कीचक”, “शांतनु और मत्स्यगंधा”, “राजा दुष्यंत को प्रेम पत्र लिखती शकुंतला”, “ऋषि कण्व के आश्रम में लड़की (ऋषि-कन्या)”, “त्रावणकोर की भरणी थिरुनल लक्ष्मी बाई”, “श्री शनमुख सुब्रमण्यम स्वामी”, और “घोड़े पर सवार मैसूर राजा की 3डी पेंटिंग (मैसूर महल में उपलब्ध)” का प्रदर्शन किया जाएगा।
कला के विविध आयामों का प्रदर्शन
इस कला प्रदर्शनी में छायांकन, एंटीक वर्क डिस्प्ले, चित्रकला प्रदर्शनी, क्राफ्ट वर्क, मेकअप आर्ट और अभिनय के माध्यम से कला का प्रदर्शन किया जाएगा। यह छात्रों के बहुमुखी विकास को प्रोत्साहित करने और उन्हें कला के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराने का प्रयास है।
कला प्रदर्शनी का आयोजन
यह कला प्रदर्शनी ललित कला संस्थान की समन्वयक डॉ. श्वेता पांडेय के निर्देशन में आयोजित की जा रही है। प्रदर्शनी के सफल आयोजन के लिए संस्थान के शिक्षक गजेंद्र सिंह, दिलीप कुमार, डॉ. अजय कुमार गुप्त, डॉ. रानी शर्मा, डॉ. अंकिता शर्मा, डॉ. बृजेश कुमार और डॉ. संतोष कुमार छात्रों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।