निरंजन ने कहा, “पटेल समाज के लोग ‘हम दो हमारे दो’ का सिद्धांत छोड़कर जनसंख्या बढ़ाएं। इसमें यह न समझें कि जमीन बंट जाएगी। एक बच्चे को नेता तो दूसरे को ठेकेदार बनाएं। सब कुछ संख्या बल से ही संभव है।”
जब प्रत्याशी नाक रगड़े तब उसे वोट दो
उन्होंने समाज के लोगों से पूछा, “देश की आजादी के बाद से झांसी-ललितपुर लोकसभा सीट से क्या किसी पार्टी ने पटेल समाज को टिकट दिया? समाज के लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि इस बार ताकत दिखा दो, जब प्रत्याशी नाक रगड़े तब उसे वोट दो।”
समाज के लोगों को दूसरों के पैर छूते देखकर बहुत कष्ट होता है
निरंजन ने यह भी कहा कि मंडल के तीन जिलों में उनसे बड़ा कोई नेता नहीं है। उन्होंने कहा, “जब वे समाजवादी पार्टी में थे तो केवल मुलायम सिंह के पैर छूते थे। समाज के लोगों को दूसरों के पैर छूते देखकर बहुत कष्ट होता है।”
समाज ही उन्हें राज्य मंत्री बनवाएगा
उन्होंने स्वजातीय लोगों से कहा कि वे उनके यहां आएं, सभी को सम्मान मिलेगा। कहा कि वे केवल पटेल समाज के लोगों के लिए ही काम करते हैं। साथ ही बोले कि उन्हें समाज के लोगों पर पूरा भरोसा है। समाज के लोगों ने ही रमा निरंजन को एमएलसी बनाया है और समाज ही उन्हें राज्य मंत्री बनवाएगा।
बयान पर विवाद
निरंजन के बयान पर विवाद शुरू हो गया है। लोगों का कहना है कि जब सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर काम कर रही है, तब ऐसे बयान देना गैर जिम्मेदारी है।
निरंजन का बचाव
विवाद बढ़ने के बाद आरपी निरंजन ने अपना बचाव करते हुए कहा, “हमारे बयान को गलत ढंग से लिया गया है। पटेल समाज में आज एक बच्चा पैदा करने की परंपरा चल पड़ी है। यह स्थिति भविष्य के लिए नुकसानदायक है। ऐसे में समाज के लोगों से दो बच्चे पैदा करने की अपील की है।”
बड़े लोगों के पैर छूने की सीख दी
उन्होंने कहा, “इसके अलावा युवाओं को समाज के अपने बड़े लोगों के पैर छूने की सीख दी। साथ ही कहा कि प्रत्याशी की पूरी परख करने के बाद ही अपना वोट दें। यह कार्यक्रम पटेल समाज का कार्यक्रम था, ऐसे में समाज की ही चर्चा की।”
क्या है ‘हम दो हमारे दो’ सिद्धांत?
‘हम दो हमारे दो’ सिद्धांत भारत सरकार द्वारा 1970 के दशक में जनसंख्या नियंत्रण के लिए शुरू किया गया था। इस सिद्धांत के तहत, एक परिवार में दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए।