वीरांगना लक्ष्मीबाई-कानपुर रेल खण्ड के दोहरीकरण व मथुरा से बीना की तीसरी लाइन का काम के साथ ही मण्डल रेल प्रशासन ट्रेनों को गति देने के प्रयास में लगातार प्रयासरत है। जुलाई अंतिम सप्ताह तक जहां दोहरीकरण का काम व नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा होने के बाद ट्रेनों को रफ्तार मिलेगी। वहीं तीसरी लाइन निर्माण के बाद मालगाड़ियों को भी सेक्शन में फर्राटा भर सकेगी। ट्रेनों की लेटलतीफी से बचाने एवं गति बढ़ाने की दिशा में रेल प्रशासन ने जहां मण्डल के सभी रेल खण्ड को विद्युतीकरण कर दिया है। वहीं स्टेडर्ड इंटरलॉकिंग को अपग्रेड कर सेक्शन में स्पीड बढ़ाने काम काम किया है।
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कानपुर सेंट्रल पर महिला बाबू को धक्का देकर 1.5 लाख ले भागा लुटेरा ये हुए बड़े सुधार डीआरएम आशुतोष की माने तो मण्डल में गाड़ियों की गति बढ़ाने की दिशा में हर-सम्भव प्रयास किया जा रहा है। ललितपुर-खजुराहो खण्ड में जहां ट्रेनों की सेक्शनल स्पीड़ को 70 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा किया गया है। वहीं मण्डल के 24 स्टेशन ऐसे है, जहां लूप लाइन से गुजरने वाली ट्रेनों की गति 15 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिये आज उक्त लूप लाइन पर ट्रेनों दोगुनी 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही है। इसके अलावा 8 लेबिल क्रासिंग गेटों को वित्तीय वर्ष में बंद कर तथा संरक्षित ट्रेनों के संचालन के लिये 5 लेविल क्रासिंग गेटों को इंटरलॉक किया गया है। 28 स्टेशनों पर इलेक्ट्रिॉनिक इंटरलॉकिंग कमीशन किये गये है। इससे जहां ट्रेनों को गति मिलेगी, वहीं ट्रेनों का संचालन भी पूरा सुरक्षित होगा।