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झुंझुनू

अक्षय तृतीया पर कोरोना की छाया, नहीं गूंजेगी शहनाइयां

jhunjhunu news: झुंझुनूं. हर वर्ष अक्षय तृतीया पर कई जोड़े विवाह बंधन में बंधते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन के चलते इस बार अबूझा सावे में शादी की शहनाई नहीं गूंजेगी।

झुंझुनूApr 25, 2020 / 12:06 pm

gunjan shekhawat

अक्षय तृतीयाः

अक्षय तृतीयाः

झुंझुनूं. हर वर्ष अक्षय तृतीया पर कई जोड़े विवाह बंधन में बंधते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे लॉकडाउन के चलते इस बार अबूझा सावे में शादी की शहनाई नहीं गूंजेगी। पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि अक्षय तृतीया को युगादि तिथि कहते हैं जिनके विवाह के लिए सूर्य चंद्रमा और गुरु यह चीजें नहीं मिलती हैं वे इस अबूझ मुहूर्त में शादी के बंधन में बंधकर विवाह कर सकते हैं। लेकिन वर्तमान में को रोना संकट के चलते अक्षय तृतीया पर जिले में करीब 200 से ज्यादा शादियां स्थगित कर दी गई हैं। वहीं अक्षय तृतीया पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस बार घर पर रहकर ही दान पुण्य करें और मानसिक जाप करें।
इस दिन बनता है ग्रहों का विशेष संयोग


अक्षय का अर्थ है जो कभी नष्ट न हो। इस दिन ग्रहों का विशेष संयोग बनता है। सूर्य और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में होते है। साल में सिर्फ एक दिन यह संयोग बनता है। सूर्य मेष में होता है और चंद्रमा वृषभ में होता है। इस पर भी कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉक डाउन की छाया दिखाई दे रही है। शास्त्रों में सूर्य को प्राण और चंद्रमा को हमारा मन माना गया है। सूर्य और चंद्रमा का संबंध बनने की वजह से ये तिथि बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। इसलिए इस दिन जो भी काम किया जाए उसका फल दोगुना और कभी न खत्म होने वाला होता है। अक्षय तृतीया को अखतीज और वैशाख तीज भी कहा जाता है।
यह रहेगा श्रेष्ठ मुहुर्त


पंडित दिनेश मिश्रा ने बताया कि परशुराम जयंती शनिवार को मनाई जाएगी। वहीं अक्षय तृतीया रविवार को मनाई जाएगी। रविवार को सुबह 5.48 बजे से दोपहर 1.22 तक पूजा का मुहूर्त है। तृतीया तिथि का प्रारंभ 25 अप्रैल को 11 बजकर 51 मिनट से है तथा समाप्ति 26 अप्रैल को है।
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