22 साल पहले हुए थे भर्ती
गांव के जयपाल सिंह ने बताया कि जेसीओ देवकरण बुरड़क करीब 22 साल पहले सेना के 15 जाट रेजिमेन्ट में भर्ती हुए थे। उनके पिता बोईतराम भी पूर्व सैनिक हैं। शहीद के बडे़ व छोटे भाई भी सेना में हैं। शहीद की शादी निराधनूं गांव की अंजू देवी से हुई। उनके दो बेटे हैं जो अभी पढाई कर रहे हैं।
ऑपरेशन रक्षक में थे तैनात
जेसीओ देवकरण बुरड़क करगिल क्षेत्र में सुपर एचएए बटालियन संप्रदाय में ऑपरेशन रक्षक में तैनात थे। ऑपरेशन के दौरान ऊंची पहाड़ी पर भारी मात्रा में बर्फबारी के दौरान तबीयत खराब हो गई थी।
पैतृक गांव में होगा अन्तिम संस्कार
शहीद की पार्थिक देह सोमवार को उनके पैतृक गांव ढाणी बुरडकान, कालियासर में पहुंचेगी । कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने बताया कि पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ उनका अन्तिम संस्कार किया जाएगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है।
शांत स्वभाव और मिलनसार थे
गांव के लोगों ने बताया कि जेसीओ देवकरण बुरड़क शांत स्वभाव एवं मिलनसार थे। जब भी गांव आते गांव की चौपाल पर गांव के लोगों के साथ घंटों बातचीत करते थे।