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खुशखबर: राजस्थान में यहां तांबे के साथ सोना-चांदी भी निकालने की तैयारी

देश को सबसे ज्यादा तांबा देने वाले खेतड़ी क्षेत्र की कोख से ताम्बे के अलावा अब सोना व चांदी निकालने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए नए सिरे से सर्वे की तैयारी की जा रही है।

झुंझुनूDec 26, 2023 / 02:51 pm

Kamlesh Sharma

Preparation to extract gold and silver along with copper in Khetri

देश को सबसे ज्यादा तांबा देने वाले खेतड़ी क्षेत्र की कोख से ताम्बे के अलावा अब सोना व चांदी निकालने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए नए सिरे से सर्वे की तैयारी की जा रही है।

झुंझुनूं। देश को सबसे ज्यादा तांबा देने वाले खेतड़ी क्षेत्र की कोख से ताम्बे के अलावा अब सोना व चांदी निकालने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए नए सिरे से सर्वे की तैयारी की जा रही है। इसमें देखा जाएगा कि यहां ताम्बे के अलावा और कौन-कौनसी धातुओं का भंडार है और कितनी मात्रा में है। सर्वे वर्ष 2024 में पूरा कर लिया जाएगा।

खेतड़ी क्षेत्र में धात्विक और अधात्विक खनिजों की उपलब्धता को तलाशने के लिए नेशनल मिनिरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) के सहयोग से खोज कार्य किया जाएगा। जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (जीएसआई) की ओर से जिले में खनिज तलाशने के प्रस्ताव भिजवाए जाएंगे। यह जानकारी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड में खान मंत्रालय के सचिव वीएल कांता राव ने पिछले दिनों हुई बैठक में दी। उसके बाद खान विभाग ने सर्वे के कार्य को गति देने के लिए उदयपुर स्थित खान निदेशालय को प्रस्ताव भेज दिए हैं।

यह बताई गई है सोने-चांदी की मात्रा
खेतड़ी कॉपर माइन की एक रिपोर्ट के अनुसार खेतड़ी ब्लॉक में सोने और चांदी की मात्रा क्रमशः 0.2 पीपीएम और 2.0 पीपीएम है, जबकि बनवास ब्लॉक में सोने और चांदी की मात्रा क्रमशः 0.3 पीपीएम और 3.0 पीपीएम है।

छह करोड़ रुपए की लागत से लगाया था संयंत्र
2016 में कॉपर प्रोजेक्ट में वेस्ट मैटेरियल से सोना, चांदी व प्लेटिनम धातु निकालने के लिए छह करोड़ की लागत से मिनी संयंत्र की स्थापना की थी। तत्कालीन केन्द्रीय खान सचिव ने अप्रेल 2016 में इस प्लांट का विधिवत उदघाटन किया था। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन दो सौ टन वेस्ट मैटेरियल को प्रोसेस करने की थी। केसीसी में अत्यधिक वेस्ट मैटेरियल होने की वजह से बाद में 200 करोड़ की लागत से बड़ा प्रोजेक्ट लागने का प्लान था। लेकिन बड़ा प्रोजेक्ट नहीं लगा और मिनी पायलट प्लांट को भी बंद कर दिया गया। अब इस प्लांट को फिर से चलाए जाने की उम्मीद है।

पिछले दिनों खान मंत्रालय के सचिव वीएल कांता राव खेतड़ी आए थे। उनके साथ कई बिंदुओं पर चर्चा की गई। यहां की धरती के नीचे और कौन-कौन से धात्विक और अधात्विक खनिजों की उपलब्धता है। इसका सर्वे करवाने के लिए खान विभाग ने उदयपुर निदेशालय को प्रस्ताव भिजवाया है। वहां से प्रस्ताव केन्द्रीय मंत्रालय को भेजा जाएगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
श्रुति भारद्वाज, जिला कलक्टर नीमकाथाना

इनका कहना है
यहां के अयस्क से ताम्बे के अलावा कम मात्रा में सोना व चांदी अब भी निकल रहे हैं, लेकिन इसके खेतड़ी के प्रोसेसिंग प्लांट को बंद कर दिया गया है। अब नए सिरे से सर्वे हो रहा है तो फायदा होगा। प्लांट चालू हो जाएं तो फिर से हजारों लोगों को रोजगार मिल सकता है।
बिडदुराम सैनी ,एक्सपर्ट

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