शहीद के पिता सुमेर सिंह ने बताया शाम को 5 बजे फोन द्वारा सूचना मिली थी कि महू में मोटार फटने से हादसा हो गया है। मोर्टार फटने के बाद आग लग गई। जिसमें 4 जवानों को बचाते हुए खुद शहीद हो गए। घर पर हालांकि अभी तक किसी को सूचना दी नहीं दी गई है लेकिन गांव के मंदिर में लोग जमा है। शहीद के एक छोटा भाई रविंदर, मां फूली देवी, वीरांगना मीना देवी व पुत्र साहिल जो यूकेजी में पढ़ाई कर रहा है।
जानकारी के अनुसार मऊ में बेरछा हेमा रेंज में सेना की ओर से युद्धाभ्यास किया जा रहा था। युद्ध कौशल अभ्यास और प्रशिक्षण के दौरान अचानक मोर्टार फट गया। मोर्टार फटने से रणजीत व उसके साथी घायल हो गए।विस्फोट के बाद मौके पर आग भी लग गई। यहां घास होने से आग ने भीषण रूप ले लिया। गंभीर हालत में रणजीत और उसके साथियों को सेना के अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मोर्टार फटने से करीब एक दर्जन जवान घायल हो गए जिनमें दो जवानों की मौत हो चुकी है।
पिता भी भारतीय सेना से सेवानिवृत, भाई कर रहा सेना की तैयारी
रणजीत के पिता सुमेर सिंह भारतीय सेना में थे जो सूबेदार के पद से सेवानिवृत हो चुके हैं। वहीं छोटा भाई रविंद्र भी सेना की तैयारी कर रहा है। एक बहन की शादी हो चुकी है। शहीद के एक चार साल का बेटा साहिल है। रणजीत 2010 में जबलपुर सेंटर से सेना में भर्ती हुए थे।
वहीं दूसरी ओर चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में नक्सली हमला हुआ। तलाशी अभियान के दौरान बीएसएफ के एक एएसआइ सहित चार जवान शहीद हो गए। हमला कांकेर के पखांजूर से 35 किमी दूर मोहल्ला जंगल में हुआ है। कांकेर लोकसभा में दूसरे चरण का मतदान होना है। शहीदों में एएसआइ सउनी बोरो, आरक्षक रामकृष्ण, आरक्षक सोमेश्वर, आरक्षक इशरार खान हैं। वहीं, सहायक कमांडेंट गोपूराम व निरीक्षक गोपाल राम घायल हो गए हैं।