इतने रुपए तय हुआ था सौदा- जानकारी के मुताबिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मिशन निदेशक एवं राज्य पीसीपीएनडीटी सैल के समुचित प्राधिकारी नवीन जैन व कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि दलाल आर्यन अस्पताल के संचालक
हनुमान ज्याणी के माध्यम से डॉ.मोहम्मद इम्तियाज द्वारा भ्रूण जांच करने की सूचना मिली थी। दलाल से सम्पर्क करने पर 35 हजार रुपए में सौदा तय हुआ।
अंधेरे का फायदा उठा भाग निकला दलाल- कलक्टर यादव ने बताया कि जोधपुर पहुंचने पर मुखबीर को दलाल हनुमान ज्याणी ने रात नौ बजे रेलवे स्टेशन पर बुलाया। बाद में दलाल गर्भवती व सहयोगी महिला को निलंबित बीसीएमओ डॉ. इम्तियाज के पास लेकर पहुंचा। यहां जांच के बाद गर्भवती महिला व सहयोगी का इशारा मिलने पर टीम के सदस्यों ने आरोपित निलंबित बीसीएमओ को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि अंधेरे का फायदा उठाकर दलाल भागने में सफल रहा।
प्रतिमाह सौ से अधिक सोनोग्राफी- यादव ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि प्रतिमाह 100 से अधिक अवैध सोनोग्राफी कर भू्रण की पहचान बताते थे। उन्होंने बताया कि भ्रूण निलंबित बीसीएमओ आरोपी इससे पहले सात अक्टूबर 2016 को पकड़ा गया था, जेल में रहने के कारण उसे निलंबित कर दिया था। जमानत पर रिहा होने के बाद 21 मई 2017 को जांच में पकड़े गए दलाल हनुमान ज्याणी के सहयोगी के रूप में कार्य कर रहा था।
टीम में ये शामिल- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रघुवीरसिंह के नेतृत्व में गठित टीम में पीबीआई थाने के सीआई उमेश कुमार निठारवाल, सीआई ईश्वर प्रसाद, शंकर लाल, राजेन्द्र, पीसीपीएनडीटी समन्वयक दिनेश कुमार, आशा समन्वयक संजीव महला, विप्लव न्यौला, जयप्रकाश, जोधपुर पीसीपीएनडीटी समन्वयक सरला दाघीच , पीसीपीएनडीटी समन्वयक पाली और जालोर भी शामिल थे।