यह कहना है राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी एवं वर्तमान में झुंझुनूं जिले के मंडावा की उपखंड अधिकारी सुप्रिया कालेर का। वर्ष 2019 के बैच की अधिकारी सुप्रिया की आल राजस्थान में 55 वीं रेंक आई। चूरू के श्योदानपुरा गांव में जन्मी सुप्रिया ने बताया कि उसे आगे बढ़ाने में पिता शीशराम व मां विजयलक्ष्मी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रशासनिक सेवा में रहते हुए वह चाहती है कि उसके पास कोई भी पीडि़त व्यक्ति आए तो उसे मिलने के लिए लम्बा इंतजार नहीं करना पड़े। उसे ऐसा नहीं लगे की उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। वह दफ्तर से चेहरे पर मुस्कान लेकर जाए।
युवाओं के लिए संदेश
-मेहनत नियमित जरूरी है, ऐसे नहीं हो कि एक दिन जमकर पढाई कर ली, दूसरे दिन समय पर जगे ही नहीं।
-अपना लक्ष्य तय कर लें, उसके अनुरूप मनपसंद विषय लेकर तैयारी करें।
-हमेशा सकारात्मक सोचें।
सुझाव
एक महिला के लिए बार-बार ट्रांसफर से गुजरना काफी पीड़ादायक रहता है। मेरा डेढ साल का बच्चा है। पति दूसरे जिले में नौकरी करते हैं। जब लाडनूं में उपखंड अधिकारी थी, तभी विधानसभा के चुनाव थे, कई बार ऐसा हुआ जब रात को ड्यूटी लग गई। रात बारह बजे भी डेढ साल के बच्चे को साथ ले जाना पड़ा। ऐसे में सरकार का प्रयास रहे कि पति-पत्नी की डयूटी एक ही जिले में हो तो सभी कामकाजी महिलाओं को राहत मिल सकती है। बच्चों की परिवरिश के लिए किसी अपने का साथ होना बहुत जरूरी है।