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अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया: मेडिकल टेस्ट से पहले इसकी गाइडलाइंस को भी समझ लें

सेना (Indian Army) में अग्निवीर (Agniveer) बनने के लिए कैंडिडेट को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्ट्रॉन्ग होना चाहिए ताकि ये बुरे और तनाव वाले माहौल का सामना कर सकें।

Dec 11, 2022 / 04:15 pm

जमील खान

Agniveer Medical test

Agniveer Medical test

भारतीय सैन्य बल (Indian Armed Forces) में शामिल होने वाले अग्निवीर (Agniveer) को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्ट्रॉन्ग होना चाहिए ताकि ये बुरे और तनाव वाली स्थितियों का सामना कर सकें। इनका इसलिए भी स्ट्रॉन्ग होना जरूरी है ताकि ये समुद्र, हवा और दूरदराज के क्षेत्र और विपरीत मौसम में भी काम कर सकें। इनकी तैनाती ऐसी जगह करनी पड़ सकती है जहां कोई चिकित्सीय सुविधाएं या दूसरी मदद नहीं मिलती। इसलिए कैंडिडेट को ओवरवेट (overweight) नहीं होना चाहिए। यही वजह है कि मेडिकल टेस्ट (medical test) में पास होने वाले कैंडिडेट को ही अग्निवीर के तौर पर चुना जाता है। अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान होने वाला मेडिकल टेस्ट ही तय करता है कि वो जंग के हालात बनने पर उसे लडऩे के लिए कितने तैयार हैं। इसलिए कैंडिडेट को बेसिक लेवल के मेडिकल टेस्ट पर खरा उतरना जरूरी है ताकि वो कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला कर सकें। जानिए, क्यों जरूरी है मेडिकल टेस्ट…
मेडिकल टेस्ट कौन करता है?
-भारतीय सैन्य बल की मेडिकल सर्विस (Indian Armed Forces Medical Service) ही पूरी तरह फिट कैंडिडेट का चुनाव करने के लिए जिम्मेदार होती है। कैंडिडेट का मेडिकल टेस्ट मिलिट्री के डॉक्टर्स लेते हैं। ये ऐसे एक्सपर्ट होते हैं जो इस काम में माहिर होते हैं।
-मेडिकल एग्जाम (Medical Exam) को डॉक्टर्स का ग्रुप अंजाम देता है। इसमें महिला कैंडिडेट के लिए महिला डॉक्टर की नियुक्ति की जाती है। महिला डॉक्टर न होने पर किसी महिला की उपस्थिति में ही मेडिकल ऑफिसर टेस्ट लेता है।
-अग्निवीर कैंडिडेट (Agniveer Candidate) को सलाह दी जाती है कि मेडिकल टेस्ट से पहले छोटी-मोटी दिक्कतों का ट्रीटमेंट करा लें। जैसे- कानों को साफ करा लें। दांतों से टार्टर हटवा लें। स्किन पर फंगल इंफेक्शन (Skin Fungal Infection) की जांच करा लें। वजन को कंट्रोल रखें, वर्कआउट करके फिट हों।
-मेडिकल बोर्ड (Medical Board) का निर्णय ही अंतिम निर्णय होता है। अग्निवीर कैंडिडेट ब्लड, यूरिन, ईसीजी समेत जरूरी जांचों के अलावा विजन, घुटनों और फ्लैट फुट की जांच के लिए आवेदन कर सकते हैं।
-सिख कैंडिडेट को छोड़कर सभी कैंडिडेट को सलाह दी जाती है कि वो क्लीन शेव हों, कू्र हेयर कट में हो। हेयर कटे हुए होने चाहिए ताकि रिक्रूटमेंट प्रॉसेस के दौरान उनकी पहचान दर्ज हो सके।
मेडिकली कितना फिट होना चाहिए?
सेना (Indian Army) में भर्ती के लिए मेडिकल एग्जाम की गाइडलाइन (Medical Exam Guideline) जारी की गई है। हालांकि, कुछ ट्रेड में यह अलग हो सकती है। जानिए, अग्निवीर बनने के लिए कैंडिडेट को कितना फिट होना चाहिए…
-कैंडिडेट को शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट होना चाहिए। किसी भी तरह की बीमारी, इंफेक्शन और स्किन से जुड़ी बीमारियों से मुक्त होना जरूरी है। शरीर में किसी तरह की विकृति नहीं होनी चाहिए।
-कैंडिडेट को किसी तरह के सिंड्रोम, हड्डियों से जुड़ी विकृति, मसल्स और हड्डियों से जुड़ी बीमारी नहीं होनी चाहिए।

-शरीर का कोई हिस्सा अधूरा विकसित नहीं हो। ब्लड प्रेशर (blood pressure) और ईसीजी (ECG) सामान्य होना चाहिए। पाचन तंत्र, लीवर, स्प्लीन, हार्ट या धमनी से जुड़ी बीमारी नहीं होनी चाहिए।
-कैंडिडेट का वजन उसकी उम्र के मुताबिक होना चाहिए। हालांकि भारी हड्डियों के मामलों में कैंडिडेट को राहत दी जाती है।

-पुरुष उम्मीदवार का सीना अच्छी तरह से विकसित होना चाहिए, कम से कम 5 सेमी फुलाव होना चाहिए।
-कैंडिडेट की आंखों की रोशनी कमजोर नहीं होनी चाहिए। सुनने की क्षमता सामान्य होनी चाहिए। अगर कैंडिडेट ने कॉर्नियल सर्जरी करा रखी है तो यह स्वीकार्य नहीं होगी।

-करेक्टिव ग्लास का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कैंडिडेट के पास नेत्र रोग विशेषज्ञ की मुहर और पंजीकरण संख्या के साथ एक महीने से पुराना पर्चा नहीं होना चाहिए। कॉन्टेक्ट लेंस के उपयोग की अनुमति नहीं है।
-कैंडिडेट्स के दांत, मसूढ़े स्वस्थ होने चाहिए। दांतों में विकृति स्वीकार नहीं होगी। कैंडिडेट को पायरिया, हाइड्रोसील और पाइल्स का मरीज नहीं होना चाहिए। नाक में विकृति और टीबी नहीं होनी चाहिए। यूरिनरी सिस्टम से जुड़ी बीमारी की हिस्ट्री नहीं होनी चाहिए।
-बोलने में किसी तरह की समस्या, शरीर के किसी हिस्से में हर्निया, किसी हिस्से को प्रभावित करने वाले धब्बे नहीं होने चाहिए। जेंडर बदलने वाली सर्जरी कराने वाले कैंडिडेट और प्रेग्नेंट महिला कैंडिडेट को स्वीकार नहीं किया जाएगा। महिला उम्मीदवार को प्राइमरी/सेकेंडरी एमेनोरिया या मेनोरेजिया नहीं होना चाहिए।

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