कानून मंत्रालय ने केंद्र से कहा कि इस तरह की भर्तियां सीधे तौर पर संविधान का उल्लंघन है। साथ ही यह सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय के खिलाफ है। कानून मामले मंत्रालय ने मद्रास हाईकोर्ट के 7 सितंबर, 2015 के फैसले का हवाला देते कहा है कि इस तरह की भर्तियां पूरी तरह से गैरसंवैधानिक हैं।
‘आइडियाज’ को दें आइडिया, पाएं एक करोड़ रुपए का इनाम फैसले में कहा गया था कि सरकारी
नौकरियों को असंवैधानिक तरीके से भरे जाने पर सवाल उठाए थे। इसे नौकरी देने में भेदभाव भी बताया गया था। दरअसल देश की सार्वजानिक उपक्रम की कंपनियां और बैंक मिडल लेवल पर अधिकारियों की भर्तियां सीधे जाकर कैंपस प्लेसमेंट के जरिए टॉप इंजीनियरिंग और बिजनेस स्कूल से कर लेती हैं। कोर्ट ने भी कहा था कि कैंपस इंटरव्यू अन्य उम्मीदवारों के प्रति भेदभाव है क्योंकि उन्हें नौकरी प्राप्त करने का मौका ही नहीं मिलता
टैलेंट खोजने की मशक्कत हाईकोर्ट के निर्णय के बाद देश के प्रीमियम प्राइवेट कॉलेज में इस तरह के प्लेसमेंट पर रोक लगा दी गई थी। सरकारी संस्थानों को इस फैसले से बाहर रखा था। सिंतबर 2015 में मद्रास हाईकोर्ट ने उस तर्क का खारिज कर दिया था कि कैंपस प्लेसमेंट से प्रतिभा खोजी जाती है।
मौलिक अधिकारों का हनन इस प्रक्रिया को अपनाया गया है जिससे बेस्ट टैलेंट मल्टीनेशनल और प्राइवेट फर्म में जाने से पहले ही हमारे पास आ जाएं। अब कानून मंत्रालय ने कहा कि कैंपस
इंटरव्यू लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन हैं।
अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन अगस्त 2013 में उस याचिका को खारिज किया गया था जिसमें सरकारी नौकरियों को लोगों के आवेदन मंगाकर भरे जाने पर सवाल उठाए गए थे। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि कैंपस इंटरव्यू अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 का उल्लंघन है।
RPSC 2nd Grade भर्ती परीक्षा में फेरबदल, जून में ऑनलाइन ली जाएंगी विषयवार ली जाने वाली परीक्षाएं महाराष्ट्र में सभी नियुक्तियां ऐसे ही म हाराष्ट्र के लगभग सभी पब्लिक सेक्टर यूनिट्स में और बैंकों में मध्यम स्तर की नियुक्तियां कैंपस प्लेसमेंट से ही की गई हैं। यहां भी सरकार ने बेस्ट टैलेंट खोजने के चक्कर में राज्य के इंजीनियरिंग और
बिजनेस स्कूलों में नियुक्ति की। केंद्र ने कानून मंत्रालय की सलाह मानने की बात कही है। इससे हालात बदलने की संभावना है कि अब अन्य छात्रों को भी पीएसयू में काम का मौका मिलेगा।