सैनिक पहले भी कर चुके हैं आवेदन
शिक्षा मंत्री दिलावर का कहना है कि राजस्थान शिक्षा विभाग पहली बार इसकी पहल कर रहा है। अब जल्द इसका प्रस्ताव तैयार कर राजस्थान सरकार सीएम भजनलाल को सौंपा जाएगा। दिलावर ने कहा कि इससे पहले कुछ पूर्व सैनिकों ने शिक्षक बनने के लिए दिलचस्पी दिखाई थी और आवेदन किया था। लेकिन इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी मानने को तैयार नहीं थे। वे कह रहे थे कि पूर्व सैनिकों को शिक्षक नहीं बनाया जा सकता क्योंकि इन सैनिकों की ट्रेनिंग, शिक्षा विभाग से कम है।
अधिकारियों के लिए नए निर्देश जारी
अब अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि रिटायर्ड सैनिकों को बीएड डिग्री के बराबर माना जाए। अब रिटायर्ड सैनिकों को मैरिट और आरक्षण के आधार पर सरकारी टीचर बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यदि भारतीय सैनिकों की सामान्य मौत हो जाती है या फिर जंग में शहीद हो जाते हैं, तो परिवार के पालन-पोषण में बहुत दिक्कत आती है। इसके बावजूद भी शहीदों की वीरांगनाओं को अनुकम्पा नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है। लेकिन अब वीरांगना और शहीदों के आश्रितों को सरकारी मौकरी दी जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।