जोजरी में प्रदूषण को लेकर पांच सदस्यीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित
-झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व सीजे प्रकाश चंद्र टाटिया होंगे अध्यक्ष
जोजरी में प्रदूषण को लेकर पांच सदस्यीय मॉनिटरिंग कमेटी गठित
जोधपुर। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जोजरी नदी में प्रदूषण पर चिंता जताते हुए झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रकाश चंद्र टाटिया की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया है। कमेटी 31 मार्च, 2021 तक किए गए प्रयासों, स्टेटस एवं भविष्य की सिफारिशों को लेकर अगली सुनवाई से पहले एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
जोधपुर और आस-पास के क्षेत्रों में औद्योगिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए एनजीटी चेयरपर्सन न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि समिति में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल और राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के प्रतिनिधि सहित जोधपुर और बाड़मेर जिला कलक्टर सदस्य होंगे। समिति उचित समझे जाने पर किसी विशेषज्ञ या संस्थान की सेवाएं ले सकेंगी। हालात की समीक्षा के लिए समिति महीने में एक बार बैठक कर सकेगी, जिसमें एनजीटी के पूर्ववर्ती आदेशों की पालना तथा पूर्व में गठित कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की समीक्षा होगी। एनजीटी ने अपेक्षा की है कि समिति जल्द से जल्द छह महीने के भीतर स्थिति का आकलन करते हुए सुधार के लिए एक व्यापक योजना तैयार करे, जो समयबद्ध होगी। समिति को प्रभावित पक्ष राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल या कलक्टर के माध्यम से अपने सुझाव दे सकते हैं या अपनी शिकायतें समिति के समक्ष रख सकते हैं। समिति प्रभावित पंचायतों के साथ पेयजल समस्या सहित अन्य पहलुओं पर परामर्श कर सकेगी। कृषि सहित अन्य घटकों को हुए नुकसान को चिह्नित करने एवं जोजरी नदी में अन्य स्रोत से पानी की आवक सुनिश्चित करने के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा। एनजीटी ने राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणी करते हुए कहा कि जल अधिनियम लागू होने के 56 साल बाद भी जलस्रोतों में अपशिष्ट जल या मल की निकासी की जा रही है, जो किसी सरकार की विफलता दर्शाती है। याचिकाओं में अराबा गांव तक प्रदूषित पानी पहुंचने का मामला उठाया गया था।
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