उन्होंने बताया कि राजस्थान वक्फ बोर्ड ने अपनी अनेकों सम्पत्तियों में से कुल 69 सम्पत्तियों को चिह्नित किया गया है। इसमें 4 का किराया आ रहा है, इनमें से 34 वक्फ सम्पत्तियों का पीडब्ल्यूडी ने किराया निर्धारण किया, जो कि 21 करोड़ की राशि बकाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रकार की छात्रवृत्तियां बंद कर रखी है। नि:शुल्क कोचिंग व्यवस्था भी दो वर्ष से बंद है। केन्द्र सरकार के बजट को प्रदेश सरकार अपने नाम से बांट रही है। उर्दू भाषा और शिक्षकों के हितों पर हो रहे कुठाराघात को लेकर भी विरोध जताया। मदरसा पैराटीचर्स का मानदेय बढ़ाने और नियमित करने की मांग भी रखी। दो वर्षों में अल्पसंख्यकों से जुड़े निगम व बोर्डों का गठन नहीं किया। सरकार सिर्फ अल्पसंख्यकों को वोट बैंक के रूप में उपयोग कर रही है।