पतासीदेवी का कहना है कि चौहाबो में बिरला स्कूल के पास स्थित मकान ४७ लाख रुपए में बेचा था। राशि बैंक खाते में जमा करा दी थी। ताकि नौ दिसम्बर को पुत्र की शादी धूमधाम से कर सके, लेकिन बैंक के जिम्मेदारों के साथ मिलकर बदमाशों ने फर्जी चेक से ४९ लाख रुपए खाते से निकाल लिए थे। कोरोना से उपजे कठिन हालात और आर्थिक तंगी में बड़ी कठिनाई से पुत्र की शादी करवाई थी।
पुलिस का कहना है कि वृद्धा की तरफ से एफआइआर दर्ज होने के बाद बैंक प्रबंधक लिखित शिकायत लेकर थाने पहुंचे थे। बैंक शाखा के जिम्मेदार ने बड़ी लापरवाही के लिए विभागीय स्तर पर उसके खिलाफ होने वाली कार्रवाई से बचने के लिए एफआइआर दर्ज करने का आग्रह किया था। ताकि सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले लाभांश से वंचित न रह सके। चूंकि पहले ही मामला दर्ज हो चुका था। इसलिए बैंक की एफआइआर दर्ज नहीं की गई थी। बैंक ने मामले में चूक मानते हुए पुलिस को मौखिक में अवगत कराया था कि वृद्धा को ब्याज सहित पूरी राशि लौटा दी गई है। जबकि एेसा नहीं हुआ था।