ब्लू सिटी को बचाने के लिए चले सफाई अभियान
गाइड अमित पाराशर ने बताया कि पहले जहां पूरा शहर नीले रंग में रंगा नजर आता था, वहीं आज ब्रह्मपुरी, मेहरानगढ़ व पचेटिया हिल से देखने पर सभी घर नीले नजर नहीं आते है। वहीं देसी-विदेशी पर्यटक भी इस बात को लेकर चिंता जाहिर करते है कि नीले रंग से जुडी इस शहर की संस्कृति खत्म हो रही है। ऐसे में नगर निगम व प्रशासन को ब्लू सिटी के अ स्तित्व को लेकर जल्द ही ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इसी तरह हैरिटेज वॉक के रास्ते पर भी साफ-सफाई की सुदृढ़ व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि पर्यटक गंदगी मुक्त राह में आराम से घूमने के साथ स्वर्णिम यादें लेकर जा सकें। भीतरी शहर के फतेहपोल से रानीसर, पदमसर, जेता बेरा, नवचौकीया, सिंह पोल, जूनी मंडी, सोनारों की घाटी व सिटी पुलिस मार्ग तक सफाई व्यवस्था को बेहतर करने की आवश्यकता हैं।
इनका कहना है–
हैरिटेज पाथ के रास्ते पर नगर निगम को दो साफ शौचालय बनाने चाहिए, जिससे पर्यटक सुविधाओं का उपयोग कर सकें। सड़कों पर फैली गंदगी को साफ करने के लिए सुबह व शाम सफाई व्यवस्था होनी चाहिए। नगर निगम को पूरे मार्ग के बीच आने वाले मकानों पर नीले रंग की कवायद शुरू कर ब्लू सिटी की संस्कृति को बचाने का प्रयास करना होगा।
जितेंद्र सिंह जोधा, अध्यक्ष, जोधपुर टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन
इनका कहना है–
हैरिटेज वॉक भ्रमण करने आने वाले पर्यटक गंदगी से बहुत परेशान होते हैं। वहीं तंग गलियों में श्वानों का आतंक भी है, जो पर्यटकों को परेशान करने के साथ गंदगी भी फैलाते है। भीतरी शहर में मकानों पर नीले रंग को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, जिससे खोई हुई संस्कृति पुनः स्थापित हो सकें।
रविन्द्र माथुर, टूर गाइड, ब्लू सिटी