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सात समंदर पार थार के अनार की मांग से बदली किसानों की तकदीर

पंचायत समिति सेखाला क्षेत्र में लगभग 50 हजार अनार के पौधों के कारण किसानों की आमदनी अच्छे भाव से करोड़ों में पहुंच गई।

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सात समंदर पार थार के अनार की मांग से बदली किसानों की तकदीर

अनार की छंटाई करते श्रमिक।

दशरथ सिंह राठौड़

केतु कलां (जोधपुर) . परंपरागत खेती से बागवानी की तरफ रुख करने वाले किसानों के लिए अनार की खेती वरदान साबित हुई हैं। क्षेत्र के खेतनगर, हापासर, अजीतगढ़, लक्ष्मणगढ़, शिवजीसिंह नगर, देड़ा सहित दर्जनों गांव में अनार की खेती से अच्छे भाव व मौसम की अनुकूलता के कारण इस बार फायदे का सौदा साबित हुई। पंचायत समिति सेखाला क्षेत्र में लगभग 50 हजार अनार के पौधों के कारण किसानों की आमदनी अच्छे भाव से करोड़ों में पहुंच गई।


शासकीय अनुदान से बढ़ रहा है रकबा

कृषि एवं उद्यान विभाग की ओर से किसान को बूंद-बूंद सिंचाई के संयंत्र, जलहोज, उर्वरक,पौधे, स्प्रे-ड्रोन, वर्मी कंपोस्ट सहित बगीचे के रखरखाव को नियमानुसार अनुदान दिया जाता है। महिला एवं आरक्षित वर्ग के किसानों को अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाता है।

15 से 20 वर्ष होता है पौधे का जीवनकाल
एक बार अनार के पौधे के रोपण के 2 वर्ष बाद उत्पादन चालू हो जाता है जबकि 15 से 20 साल तक वर्ष में एक बार फसल देता है जो मृगबहार, हस्तबहार और अंबे बहार के रूप में फसल ली जाती है।

विदेशों में खपत बढ़ने से मिल रहे अच्छे भाव
मौसम व भाव का साथ मिलने से इस बार शेरगढ़-बालेसर क्षेत्र के अनार के किसानों को घाटे से बाहर आने की उम्मीद जगी है इस क्षेत्र के किसान वर्ष 2015-16 से लगातार संघर्ष कर रहे थे जिन्हें इस बार अच्छी आमदनी प्राप्त हुई है। अभी तक के मौसम से फिलहाल पाले जैसी आपदा से किसानों को कोई नुकसान नहीं हुआ साथ ही बांग्लादेश, नेपाल,अरब देशों सहित विदेशी बाजार में खपत बढ़ने से अच्छे भाव भी प्राप्त हो रहे।

दो लाख रुपए प्रति बीघा आय
पौधे की कटिंग के बाद 2.5 एम.एल. प्रति लीटर के हिसाब से एथरेल का स्प्रे कर पौधों की पतझड़ की जाती है जिससे नई फुटान होती है जिसमें पुष्पांकुर होकर फलों में परिवर्तित होते हैं। प्रति बीघा 135 पौधे और 835 पौधे प्रति हेक्टर में लगाए जाते हैं । एक पौधा प्रतिवर्ष 20 से 25 किलो अनार का उत्पादन देता है जो 80 रुपए के औसत भाव से 1800 रुपए तक का सालाना उत्पादन देता है ।

इस प्रकार दो लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से किसानों आय प्राप्त होती है जो सामान्य खेती से कहीं गुना अधिक है। क्षेत्र में अजय सिंह, भंवरलाल, महेंद्र सिंह, विजय सिंह, श्रवन सिंह, शंभू सिंह, नाथू सिंह,विक्रम सिंह जैसे प्रगतिशील किसान बागवानी में अपना भाग्य आजमा रहे हैं जो इस बार के मौसम एवं भाव की अनुकूलता से काफी उत्साहित है।