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जोधपुर

Swarnim Bharat :कवि दशरथ सोलंकी के काव्य संग्रह पर परिचर्चा

जोधपुर ( jodhpur news.rajasthan news ).शहर के साहित्यकारों ( Litterateur news ) की पहल पर कवि दशरथ सोलंकी ( latest NRI news in hindi ) के काव्य संग्रह ( Poetry Collection ) ‘कि आदमी का मरे नहीं पानी..’ पर रविवार को मेडिकल कॉलेज में परिचर्चा ( discussion ) आयोजित की गई ( latest news in hindi ) । चर्चा में कई साहित्यकारों ( hindi Litterateur ) ने भाग लिया ( Swarnim Bharat ) ।
 

जोधपुरFeb 17, 2020 / 10:06 pm

M I Zahir

Discussion on the poetry collection of poet Dashrath Solanki

Discussion on the poetry collection of poet Dashrath Solanki

जोधपुर ( jodhpur news.rajasthan news ). दशरथ सोलंकी आम आदमी की पीड़ा और दुख अहिंसा परमो धर्म से जुड़ते हुए दिखते हैं ( latest NRI news in hindi ) । यह बात प्रख्यात शीर्ष साहित्यकार डॉ सत्यनारायण ने कही ( Litterateur news )। वे कवि दशरथकुमार सोलंकी के काव्य संग्रह ( Poetry Collection ) ‘ कि आदमी का मरे नहीं पानी…’ पर रविवार को मेडिकल कॉलेज में आयोजित परिचर्चा ( discussion ) में उदबोधन दे रहे थे ( latest news in hindi )। उन्होंने कहा कि उनकी छल और काश हमारे आज के जीवन का प्रतिनिधि कविताएं हैं ( Swarnim Bharat ) । उनके पास अच्छा शिल्प है और अच्छा कथ्य है, इसे वे और भी परिमार्जित करके अच्छा बना सकते हैं ( hindi Litterateur )।
शीर्ष साहित्यकार डॉ.आईदानसिंह भाटी ने कहा कि दशरथ सोलंकी के पास कविता का वह मुहावरा है जिसके आधार पर वह कविता कहने में सफल हुए हैं। डॉ. कैलाश कौशल ने कहा कि कविता हृदय से उमड़ती है, हमारी पंरपरा के मूलभूत बिंदु इन कविताओं में हैं।
डॉ कौशलनाथ उपाध्याय ने कहा कि काव्य संग्रह की कविताओं में हमारे जीवन की हकीकत नजर आती है। डॉ सरोज कौशल ने कहा काव्यशास्त्र के सिद्धांतों पर दशरथ सोलंकी की कविता सहज खरी उतरती हुई नजर आती है।
हबीब कैफी ने कहा कि दशरथ सोलंकी की छल कविता हमारे समय की महत्वपूर्ण कविता है, जिसमें भूतकाल वर्तमान और भविष्य तीनों को एक साथ कवि ने देखा है। डॉ पद्मजा शर्मा ने कहा कि दशरथ सोलंकी के यहां पर स्त्री पात्र मजबूती के साथ दिखाई देते हैं। किरण राजपुरोहित नितिला ने कहा कि सोलंकी के यहां खूब सारे विषय हैं और उन्हें बेहतर तरीके से अपनी कविता में ले आते हैं।
कवि दशरथ सोलंकी ने कहा कि कागज पर आने वाले शब्द आईना होते हैं। चर्चा में सत्यदेव संवितेंद्र, प्रगति गुप्ता,चांदकौर जोशी, बसंती पंवार, प्रमोद शाह, कमलेश तिवारी, माधव राठौड़, शैलेंद्र ढड्ढा, एन डी निम्बावत, अशफाक फौजदार, अखेराज चारण, डॉ.फतेहसिंह भाटी, गौतम गट्स और प्रवीण मकवाणा ने विचार व्यक्त किए।
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