ट्रेन के नो रूम जैसी स्थिति कोविड अस्पतालों में नहीं रखें: रजिस्ट्रार पुरोहित
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग की गठित समिति की बैठक
एम्स ने 20 आइसीयू व एमडीएम अस्पताल ने 75 बैड बढ़ाए

जोधपुर. शहर के सरकारी व निजी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं व पैसे वसूली की शिकायतों को लेकर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार (कैडर-जिला न्यायाधीश) ओमी पुरोहित ने बुधवार को संभागीय आयुक्त चैंबर में गठित समिति व निजी व सरकारी अस्पताल के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की। रजिस्ट्रार पुरोहित ने कहा कि अस्पतालों को रेलवे का कोच नहीं समझा जाए कि यहां नो रूम या टिकट नहीं मिलने जैसी स्थिति हो। अस्पतालों में जगह नहीं हैं तो बैड बढ़ाए, लेकिन कोरोना संक्रमितों को कोई हाल में तकलीफ नहीं दी जाए। इस मीटिंग के बीच एम्स ने 20 आईसीयू बैड बढ़ाने और एमडीएम अस्पताल ने 75 बैड बढ़ाने की जानकारी आयोग को दी। बैठक में आयोग की गठित कमेटी के संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद पुरोहित, परिवादी राजस्थान उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रणजीत जोशी, अधिवक्ता गजेन्द्र मेहता व सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा, ट्रेफिक पुलिस अधिकारी राजेश मीणा, एमजीएच, एमडीएम, एम्स व निजी अस्पतालों के प्रभारी सहित अन्य मौजूद थे।
निजी अस्पतालों ने पांच दिन की और मोहलत मांगी
कोविड-19 के निजी अस्प्तालों ने अपने बिल सबमिट करने के लिए पांच दिन का और समय मांगा। आयोग ने 1 लाख व उससे अधिक राशि चुकाने वाले मरीजों, इंश्योरेंस कंपनी के कैशलेस बिलों की जानकारी मांगी। बैठक में शिकायतकर्ता तारा व्यास प्रकरण में सीजीएचएस में होने के बावजूद निजी अस्पताल द्वारा पैसा वसूलने का मामला उठा।
सीएमएचओ हर रोज सार्वजनिक करें कहां-कितने बैड खाली
रजिस्ट्रार डॉ. पुरोहित ने सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा को कहा कि वे हर रोज अखबार के माध्यम से एक निश्चित समय रात तक अस्पतालों में खाली बैड की स्थिति बताए।
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