बाहर से मंगवाते हैं रंग
पेंटिंग के लिए जोशी रंग विदेश से मंगवाते हैं। इन रगों से बनाए गये चित्रों के रंग लम्बे समय तक खराब नहीं होते। इमेजनरी पेंटिंग्स का शोक जोशी को अपने चित्रों में ख्याली कला का प्रयोग करने का शोक है। इनके बनाए चित्रों में जीवंत ख्याली कला प्रकट होती है। हर दृश्य में अपने मन के भावों को प्रकट करते हैं। इसके अलावा इन्हें स्केच बनाने का भी बहुत शोक हैं।
पेंटिंग के लिए जोशी रंग विदेश से मंगवाते हैं। इन रगों से बनाए गये चित्रों के रंग लम्बे समय तक खराब नहीं होते। इमेजनरी पेंटिंग्स का शोक जोशी को अपने चित्रों में ख्याली कला का प्रयोग करने का शोक है। इनके बनाए चित्रों में जीवंत ख्याली कला प्रकट होती है। हर दृश्य में अपने मन के भावों को प्रकट करते हैं। इसके अलावा इन्हें स्केच बनाने का भी बहुत शोक हैं।
बनाते हैं दिशात्मक चित्र
इनकी चित्रकारी की विशेषता है कि चित्रों को तीन दिशा से देखने पर भी एेसा प्रतीत होता है कि चित्र में बना रूपचित्र हमारी ओर देख रहा है। इसी के चलते लोग इनके बनाए चित्रों की ओर खिंचे चले आते हैं।
इनकी चित्रकारी की विशेषता है कि चित्रों को तीन दिशा से देखने पर भी एेसा प्रतीत होता है कि चित्र में बना रूपचित्र हमारी ओर देख रहा है। इसी के चलते लोग इनके बनाए चित्रों की ओर खिंचे चले आते हैं।
एेसे की शुरुआत जोशी को बचपन से चित्र बनाने का शोक था। बड़े भाई भी चित्रकला में माहिर हैं। बड़े भाई के गुरू ने चित्रकला की खूबियों से अवगत करवाया। सन् १९६० से चित्रकारी के क्षेत्र में नाम कमा रहे जोशी से के विद्यार्थियों के बनाए चित्रों भी काफी ख्याति अर्जित की है।