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जोधपुर

पांच ग्रहों की उत्तम स्थिति से सर्वत्र श्रेष्ठ बारिश के योग…जानिए क्या है वजह

सूर्य भी 6 जुलाई तक आद्रा नक्षत्र में होने से बरसेगी बरखा

जोधपुरJun 28, 2022 / 10:26 am

Nandkishor Sharma

पांच ग्रहों की उत्तम स्थिति से सर्वत्र श्रेष्ठ बारिश के योग...जानिए क्या है  वजह

पांच ग्रहों की उत्तम स्थिति से सर्वत्र श्रेष्ठ बारिश के योग…जानिए क्या है वजह

जोधपुर. आषाढ़ मास में पांच ग्रहों की उत्तम स्थित के कारण वर्षा ऋतु में सर्वत्र श्रेष्ठ बारिश के योग बन रहे हैं। ग्रह गोचर की गणना और ज्योतिषियों की माने तो आषाढ़ मास में पांच ग्रह स्वराशि में रहेंगे। इसमें प्रमुख रूप से मंगल मेष राशि, बुध मिथुन राशि, गुरु मीन राशि, शुक्र वृषभ राशि तथा शनि कुंभ राशि में गोचरस्थ रहेंगे। मंगल का मेष राशि में प्रवेश 27 जून को और शुक्र 18 जून को वृषभ में प्रवेश कर चुके है। बुध का मिथुन में प्रवेश 1 जुलाई को होगा। इधर शनि व गुरु पहले से ही अपनी-अपनी राशि में गोचरस्थ हैं। इन पांच ग्रहों की उत्तम स्थित से ही श्रेष्ठ बारिश के योग बन रहे हैं
वर्षा ऋतु का प्रबल कारक सूर्य

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य जब आर्द्रा नक्षत्र में होते हैं तब शुभ फल देते है। ज्योतिषियों के अनुसार वर्षा ऋतु का प्रबल कारक सूर्य तथा मौसम परिवर्तन का कारक बुध ग्रह अपनी राशि अथवा अपनी मित्र राशि में गोचर करते हैं, तो वर्षा का चक्र बनता है तथा उसी क्रम में बारिश की दशा तथा दिशा तय हो जाती है। पंचांगीय गणना के अनुसार 1 जुलाई को बुध ग्रह भी मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे, इससे बारिश की स्थिति और भी श्रेष्ठ होगी। सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में 6 जुलाई तक रहेगा। ज्योतिष और भारतीय संस्कृति में सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रंथों में कहा गया है कि जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करता है तो धरती रजस्वला होती है। यानी इसमें बीज बोने का सही समय होता है।
बारिश के लिए खास है सूर्य का पर्जन्य नक्षत्र में प्रवेश

आर्द्रा नक्षत्र पर्जन्य नक्षत्र की श्रेणी में आता है। ज्योतिष शास्त्र में यह भी कहा जाता है कि आषाढ़ मास में इस नक्षत्र का प्रभाव सर्वत्र भूमंडल पर अलग प्रकार का होता है। यही नक्षत्र अगले चार माह वर्षा ऋतु के क्रम को निर्धारित करता है। यदि इस नक्षत्र में किसी ग्रह का दृष्टि भेद हो, तो खंड वृष्टि की स्थिति निर्मित होती है।
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