संस्कृत शिक्षा में सरप्लस शिक्षकों को पश्चिमी राजस्थान में पदस्थापन में प्राथमिकता देने के निर्देश
जोधपुर. सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों की पद रिक्तता को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने संस्कृत शिक्षा विभाग में सरप्लस शिक्षकों को प्राथमिकता से पश्चिमी राजस्थान में पदस्थापित करने को कहा है।
संस्कृत शिक्षा में सरप्लस शिक्षकों को पश्चिमी राजस्थान में पदस्थापन में प्राथमिकता देने के निर्देश
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति तथा न्यायाधीश दिनेश मेहता की खंडपीठ में याचिकाकर्ता कानाराम एवं अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने कहा था कि एक तरफ पश्चिमी राजस्थान के स्कूलों में जहां पचास प्रतिशत पद खाली पड़े हैं, वहीं संस्कृत शिक्षा में शिक्षक सरप्लस बैठे हैं। कोर्ट की दखल पर अधिकांश सरप्लस शिक्षकों का पदस्थापन किया गया, लेकिन इनमें से अधिकांश शिक्षकों ने हाईकोर्ट की मुख्यपीठ तथा जयपुर पीठ सहित राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में याचिकाएं दायर कर दी थी। ऐसी सभी याचिकाओं को खंडपीठ में स्थानांतरित कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल कुमार गौड़ को ऐसे सभी याचिकाकर्ताओं के स्टेटस की रिपोर्ट पेश करने को कहा, जिस पर उन्होंने तीन सप्ताह का समय मांगा। याचिकाकर्ताओं को खंडपीठ ने उचित समझे जाने पर विभाग को अपना प्रतिवेदन देने की छूट दी है, जिसे विधि सम्मत तरीके से निस्तारित करने को कहा गया है। अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।
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