पहले पिछड़े अब यह स्थिति 1. स्वच्छता एप – स्वच्छता एप डाउनलोड और उस पर समस्या समाधान के बारे में लोगों के फीडबैक को लेकर 100 नम्बर थे।
क्या रही थी स्थिति – इस सेगमेंट में जोधपुर को 30 अंक मिले थे।
अब क्या स्थिति – अभी इतने एप डाउनलोड करवा लिए गए हैं कि 40 नम्बर लिए जा सकते हैं। आगामी दो माह में इसे 100 नम्बर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
2. डोर टू डोर कचरा संग्रहण – शहर के सभी 65 वार्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने व वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नम्बर निर्धारित थे।
क्या रही थी स्थिति – शत-प्रतिशत वार्ड डोर टू डोर कचरा संग्रहण में कवर नहीं होने पर इस सेगमेंट में जोधपुर को एक भी नम्बर नहीं मिला।
अब क्या स्थिति – 53 वार्ड में डोर टू डोर कचरा संग्रहण व्यवस्था लागू कर दी गई है। बचे हुए 12 वार्ड में इसी माह वाहन शुरू कर दिए जाएंगे।
3. फीडबैक व जागरुकता – आमजन से फीडबैक और जागरुकता सेगमेंट में भी नगर निगम पिछड़ गया था।
क्या रही थी स्थिति – निगम जागरुकता के लिए कदम नहीं उठा पाया। सर्वेक्षण टीम ने रेंडम फीडबैक लिया तो उसमें भी पिछड़ गए।
अब क्या स्थिति – इस बार जागरुकता के लिए स्पेशल ड्राइव शुरू की जा रही है। दस्तावेज व फीडबैक के लिए अलग से टीमें बनाई जाएंगी।
जुर्माना नहीं, जागरुकता लाएं खुले में नहाने पर 300 रुपए, खुले में पेशाब करने पर 200 और खुले में शौच करने पर 500 रुपए, मकान का गंदा पानी सडक़ पर डालने पर 5 हजार और सीवरेज कनेक्शन नहीं लेने पर 5 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। अधिकांशत: कमजोर आर्थिक स्थिति के लोग ही ये कार्य करते हैं। ऐसे में उन पर जुर्माना लगाने से बेहतर है कि उनको ये सुविधाएं दी जाएं और इनका उपयोग करने के लिए जागरूक किया जाए।
इनका कहना है… स्वच्छता सर्वेक्षण के जिन बिंदुओं में पिछड़ गए थे उन पर अभी से काम शुरू कर दिया और पिछली बार से अच्छी स्थिति में हैं। जहां तक जुर्माने की बात है तो वह गरीब लोगों से वसूल करने की जगह उन्हें जागरूक करेंगे।
– सुरेशकुमार ओला, आयुक्त, नगर निगम जोधपुर