कुछ दिन तक करेंगे जांच-पड़ताल- कुरजां के खीचन पंहुचने के बावजूद पक्षी कुछ दिन तक नीचे नहीं उतरेंगे तथा दिन व रात में आकाश में उड़ते हुए ही सुरक्षा के लिहाज से पूरी जांच पड़ताल करेंगे। उसके बाद ही पक्षी नीचे उतरेंगे तथा पक्षियों की दिनचर्या शुरू होगी। तापमान में गिरावट के साथ ही खीचन में पक्षियों की संख्या में वृद्धि होगी। फिर नमक उत्पादन क्षेत्र में रात्रि विश्राम के बाद पक्षी प्रतिदिन सुबह खीचन के चुग्गाघर में पंहुचकर चुग्गा लेना शुरू करेंगे। इस दौरान खीचन में कुरजां की अठखेलियों को देखने के लिए पर्यटकों का तांता लगना शुरू हो जाएगा।
पीछे छूटी कुरजां कर रही है बेसब्री से इंतजार- गत शीतकालीन प्रवास में कुरजां की वतन वापसी के बाद 6 कुरजां अस्वस्थ होने के कारण उड़ान नहीं भर पाई थी तथा यहीं रह गई थी। यहां भीषण गर्मी झेलने के बाद अब पिछले कई दिनों से सिर्फ १ पक्षी ही नजर आ रहा है। अन्य ५ पक्षियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अब यह अकेली कुरजां अपने साथियों का बेसब्री से इंतजार कर रही है और इस बार वतन वापसी करेगी। इस कुरजां का यहां के गर्म वातावरण के कारण रंग भी गहरा हो गया है।
6 माह का होगा प्रवास- कुरजां प्रतिवर्ष सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में खीचन पंहुच जाती है तथा मार्च में वतन वापसी की उड़ान भरती है। इस दौरान छ: माह के शीतकालीन प्रवास में ये पक्षी यहां हजारों की तादाद में एकत्रित होकर खीचन को पर्यटक स्थल का रूप दे देते हैं। (कासं)