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जोधपुर

सूरी, बैजल और गुहा को राजस्थान हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से दी राहत

-लक्ष्मी विलास पैलेस के विनिवेशन का मामला

जोधपुरSep 23, 2020 / 09:50 am

जय कुमार भाटी

सूरी, बैजल और गुहा को राजस्थान हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से दी राहत

सूरी, बैजल और गुहा को राजस्थान हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से दी राहत

जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने उदयपुर स्थित लक्ष्मी विलास पैलेस के विनिवेशन में कथित भ्रष्टाचार के मामले में भारत होटल्स की सीएमडी ज्योत्सना सूरी, तत्कालीन विनिवेश सचिव प्रदीप बैजल तथा मैसर्स लर्जाड इंडिया लिमिटेड के एमडी आशीष गुहा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 8 अक्टूबर को सीबीआई मामलों की विशेष अदालत में हाजिर होकर व्यक्तिगत बंधपत्र व जमानतें पेश करने के आदेश दिए हैं, वहीं लक्ष्मी विलास पैलेस कुर्क कर उदयपुर कलक्टर को रिसीवर नियुक्त करने के सीबीआई कोर्ट के आदेश पर भी 15 अक्टूबर तक रोक लगा दी है।
न्यायाधीश दिनेश मेहता ने प्रदीप बैजल, ज्योत्सना सूरी और आशीष गुहा की याचिकाओं पर मंगलवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने उदयपुर कलक्टर को होटल, उसकी संपत्तियों का रिकॉर्ड व कब्जा तत्काल अधिकृत प्रतिनिधि को सुपुर्द करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता सूरी को यह अंडरटेकिंग देने को भी कहा है कि वर्तमान मामले के निस्तारण तक वे या उनकी कंपनी विवादित मामले से जुडी भूमि, भवन या स्थायी संपत्ति का हस्तांतरण नहीं करेंगे और न ही दायित्व बढ़ाएंगे।
सूरी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पीपी चौधरी ने पैरवी करते हुए अधीनस्थ अदालत के आदेश पर सवाल उठाए और कहा कि संपत्ति को कुर्क करने और रिसीवर नियुक्त करने के निर्देश में प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। याची के खिलाफ सीधे ही गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पालना में सर्वप्रथम सम्मन से तलब नहीं किया गया। साल्वे ने कहा कि जब होटल का विनिवेशन हुआ था, तब भारत होटल्स के मुखिया ललित सूरी थे और उनका निधन हो चुका है। इस मामले में उनकी पत्नी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करना न्यायोचित नहीं है। बैजल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ता सेवानिवृत आईएएस अधिकारी है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 में वर्ष 2018 में किए गए संशोधन के बाद उनके खिलाफ किसी भी कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति ली जानी आवश्यक है, लेकिन इसकी अनदेखी की गई। सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने पक्ष रखा और लक्ष्मी विलास की कुर्की के मामले में जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। अगली तारीख पर कोर्ट में याचिकाओं में उठाए गए अन्य पहलुओं पर सुनवाई होगी।
क्या था मामला
वर्ष 2002 में उदयपुर के लक्ष्मी विलास पैलेस के विनिवेश में राजकोष को नुकसान पहुंचाने के आरोप में जोधपुर स्थित सीबीआई मामलात की विशेष अदालत ने 15 सितंबर को तत्कालीन केन्द्रीय विनिवेश सचिव प्रदीप बैजल, भारत होटल की ज्योत्सना सूरी, मैसर्स लर्जाड इंडिया लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष गुहा तथा कांतिलाल कर्मसे विक्रमसे व विनिवेश विभाग के तत्कालीन मंत्री के खिलाफ प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 420 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1)डी का अपराध बनना पाए जाने पर प्रसंज्ञान लिया था। साथ ही अदालत ने फौजदारी प्रकरण दर्ज करने सहित सभी आरोपियों को गिरफ्तारी वारंट से तलब करने के निर्देश दिए थे। अदालत ने लक्ष्मी विलास होटल को कुुर्क करते हुए उदयपुर कलक्टर को रिसीवर नियुक्त किया था।

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