एन्क्लोजर में छोडऩे के बाद पता चला कि कैलाश सचमुच बड़ा हो गया है। उल्लेखनीय है माचिया जैविक उद्यान में एशियाटिक लायन ‘आरटी’ ने दूसरी बार २२ अक्टूबर २०१६ को तीन शावकों को जन्म दिया था। इनमें से मां के दूध नहीं पिलाने से दो शावकों की मौत हो गई। तीसरे शावक कैलाश को बचाने के लिए मां से अलग कर डॉ. राठौड़ की देखरेख में अलग कमरे में पालनपोषण किया गया। समूचे उत्तरभारत में लायन शावक को बचाने का संभवत: इस तरह का एेसा अनूठा पहला मामला है।
कैलाश की जन्म कुण्डली
जन्म की तारीख —२२ अक्टूबर २०१६ रात्रि १ बजे वजन———–६२ किलो ५०० ग्राम खुराक——– २ किलो पॉल्ट्री मीट विथ केल्शियम अन्य आहार—–विटामिन और कैल्शियम एेतिहासिक घटना
जन्म की तारीख —२२ अक्टूबर २०१६ रात्रि १ बजे वजन———–६२ किलो ५०० ग्राम खुराक——– २ किलो पॉल्ट्री मीट विथ केल्शियम अन्य आहार—–विटामिन और कैल्शियम एेतिहासिक घटना
शावक कैलाश को खुले पिंजरे में छोडऩे की एेतिहासिक घटना हो गई है। चिकित्सकीय टीम के साथ पूर्व उपवन संरक्षक डॉ. महेन्द्रसिंह और अन्य स्टाफ के सामूहिक प्रयास की बदौलत संभव हो पाया है। जल्द ही शावक कैलाश के छोटे भाई करीब तीन माह के आरके को भी रखने का प्रयास होगा।
भगवानसिंह राठौड़, कार्यवाहक उपवन संरक्षक, (वन्यजीव), जोधपुर/em>