यह था पत्रिका का सवाल : क्या कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लम्बा लॉकडाउन लगना चाहिए। अपनी राय दें? सोशल मीडिया के जरिये मिली राय के परिणाम – ५५ प्रतिशत—हां, ४३ प्रतिशत- नहीं, २ प्रतिशत-वीकली लॉकडाउन सही
वाटसएप के जरिये मिली राय – ७५ प्रतिशत-हां, २२ प्रतिशत-ना, ३ प्रतिशत–वीकली लॉकडाउन
– यदि लम्बा लॉकडाउन लगा रहे हैं तो कुछ दिन पहले ही बता दें, जिससे कि जनता तैयारी कर सके और पैनिक की स्थित न हो।
– एरिया के हिसाब से भी सख्ती की जा सकती है या कफ्र्यू लगाया जा सकता है।
– लॉकडाउन की बजाय अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारी जाए।
– लॉकडाउन यदि लगाया जाता है तो सख्ती इस प्रकार की हो कि बिना वजह घूमने वालों पर आपराधिक कार्रवाई हो।
– सप्ताह में तीन दिन शुक्रवार से रविवार तक का लॉकडाउन आगे कई माह तक किया जाए।
– जो लम्बे लॉकडाउन के पक्ष में है उन्होंने अधिकतम १४ से २१ दिन तक समय बताया है।
कोरोना संक्रमण दर अब २० प्रतिशत को पार कर गई है। जोधपुर में सात हजार से ज्यादा एक्टिव केस हैं और ६०० से ज्यादा अस्पताल में भर्ती हैं। चिकित्सकीय संसाधन कम पडऩे लगे हैं। ऑक्सीजन सप्लाई, बैड और अन्य संसाधन सीमित हो रहे हैं। आने वाले दिनों में अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या यदि वर्तमान से दोगुनी हो गई तो हालात का अंदाजा लगाया जाना भी मुश्किल है। इसके अलावा आने वाले दिनों में दशहरा व दीपावली जैसे अहम त्योहार भी होंगे। हालांकि लॉकडाउन संक्रमण रोकने की गारंटी नहीं देता, लेकिन संक्रमण को काबू करने में तो मदद मिल ही सकती है। सभी चाहते हैं कि त्योंहार उल्लास से मनाएं, लेकिन संक्रमण तो भयावह होता जा रहा है। हम सभी का कत्र्तव्य भी है कि कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। एसएमएस यानी सोशल-डिस्टेंसिंग, मास्क व सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें। बिना जरूरत बाहन न निकलें। प्रशासन अपना काम करेगा, लेकिन हमारी सावचेती ही हमें बचा पाएगी। संक्रमण को हरा पाएगी।