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जोधपुर

पेट्रोल बन रहा पानी, कई वाहन बंद, जोधपुर में दो पम्प ठप

राजस्थान में 10 प्रतिशत एथेनॉल (एथिल एल्कोहल) मिश्रित पेट्रोल बेचा जा रहा है लेकिन कम्पनियों द्वारा जागरुकता के अभाव में प्रदेश के कई हिस्सों से पेट्रोल के पानी बनने की शिकायतें आ रही हैं।

जोधपुरMay 15, 2019 / 12:39 am

Kamlesh Sharma

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जोधपुर। पेट्रोलियम कम्पनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की ओर से पिछले माह से पूरे राजस्थान में 10 प्रतिशत एथेनॉल (एथिल एल्कोहल) मिश्रित पेट्रोल बेचा जा रहा है लेकिन कम्पनियों द्वारा जागरुकता के अभाव में प्रदेश के कई हिस्सों से पेट्रोल के पानी बनने की शिकायतें आ रही हैं।
जोधपुर, जयपुर, भीलवाड़ा, नागौर, टोंक सहित कई जिलों के पेट्रोल पम्पों पर वाहन चालकों ने इंजन में पानी आकर बंद होने की शिकायतें की हैं। उधर जोधपुर में मण्डोर स्थित इंडियन ऑयल और एचपीसीएल का एक-एक पेट्रोल पम्प ठप हो गया है।
इन दोनों पेट्रोल पम्प के टैंक में मौजूद पानी के सम्पर्क में आते ही करीब 5 हजार लीटर से अधिक पेट्रोल खराब हो गया है। पिछले तीन चार दिनों से ये पंप बंद पड़े हैं। उधर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने अब डीलर्स के साथ वाहन चालकों में जागरुकता के लिए अपील की है।
प्रदेश में तीन साल बाद तेल कम्पनियों ने अप्रेल से 10 प्रतिशत एथेनॉल के साथ पेट्रोल की बिक्री शुरू की है। इसके लिए तीनों कम्पनियों ने उत्तरप्रदेश के गन्ना उत्पादकों से चार महीने का करीब 2700 किलोलीटर एथेनॉल खरीद का समझौता किया है। यानी जुलाई तक एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री रहेगी। देश में 80 प्रतिशत कच्चा तेल आयात होता है। एथेनॉल मिलाने से सरकार का आयात बिल कम होगा।
यह है समस्या
एथेनॉल या एथिल एल्कोहल पानी में घुलनशील है जबकि पेट्रोल पानी के ऊपर तैरता है। एथेनॉल को तेल कम्पनियां अपने टर्मिनल में पेट्रोल के साथ मिश्रित करती है और पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति करती है। एथेनॉल पानी के सम्पर्क में आते ही पेट्रोल से अलग हो जाता है और पानी बन जाता है।
डीलर्स में भी जागरुकता की कमी
पेट्रोल पंप पर पेट्रोल के टैंक में गर्मी के कारण भाप बनती है। राजस्थान में मार्च से जून तक टैंक में भाप बनकर अधिक पानी बनता है। टैंक के तल पर 200 से 400 लीटर पानी रहता है और उसके ऊपर पेट्रोल तैरता है। पंप के नोजल का सक्शन पाइप भी टैंक के कुछ ऊपर रहता है जिससे ग्राहकों को पेट्रोल ही मिलता है। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल आने से एथेनॉल टैंक के पानी से क्रिया कर खुद पानी बन जाता है और पेट्रोल को छोड़ देता है। इससे पूरा पेट्रोल खराब हो रहा है। यह समस्या डीलर्स की जागरुकता में कमी के कारण भी है कि वे अपने टैंक की सफाई नहीं करवाते।
दुपहिया वाहन की टंकी में नहीं रह जाए पानी
तेल कम्पनियों ने दुपहिया वाहन चालकों और मैकेनिक को गाड़ी की सर्विसिंग के दौरान ईंधन की टंकी में पानी जाने से रोकने की हिदायत दी है। अगर टंकी में कुछ बूंद भी पानी है तो वह एथेनॉल के साथ क्रिया कर पानी बना लेगा और इंजन में पहुंचकर उसे बंद कर देगा।
जयपुर के चौमूं, नागौर के कुचेरा और भीलवाड़ा में कई वाहन चालकों के वाहन झटके खाकर बंद हो गए और उन्होंने जिला रसद अधिकारी को शिकायत की। इन स्थानों पर जिला रसद अधिकारियों ने पहुंचकर पेट्रोल के नमूने भी लिए हैं लेकिन वाहन चालकों को जागरूक होने की आवश्यकता है। वैसे ब्राजील जैसे देशों में पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रित कर बेचा जा रहा है। भारत में एथेनॉल की कमी होने के कारण वर्तमान में इसकी लगातार आपूर्ति में दिक्कत आ रही है।

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