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जोधपुर

एक माह से थी आरएएस अधिकारी पर नजर, 10 दलालों से था सम्पर्क

– भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो- पांच लाख रिश्वत लेते पकड़े जाने वाला रिटायर्ड आरएएस अधिकारी व दलाल रिमाण्ड पर- जमीन आवंटन के बदले लाभार्थियों से दस लाख रुपए लेने थे, दलाल पांच लाख एकत्रित कर पाया

जोधपुरNov 23, 2020 / 12:02 am

Vikas Choudhary

एक माह से थी आरएएस अधिकारी पर नजर, 10 दलालों से था सम्पर्क

एक माह से थी आरएएस अधिकारी पर नजर, 10 दलालों से था सम्पर्क

जोधपुर.
बीकानेर के उप निवेशन विभाग में अतिरिक्त आयुक्त पद पर कार्यकाल के दौरान नहरी क्षेत्र में जमीन आवंटन के बदले भ्रष्टाचार का खेल लम्बे समय से चल रहा था। लाभार्थियों से बतौर रिश्वत वसूली के लिए कम से कम 20-25 दलाल सक्रिय थे। वरिष्ठ आरएएस अधिकारी और उसके दस दलालों पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पिछले एक महीने से नजर रखे हुए थी। ब्यूरो उन्हें कार्यकाल के दौरान ही रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडऩे की फिराक में थी, लेकिन शिकायतकर्ता के तैयार न होने से वो पकड़ में नहीं आ सके।
ब्यूरो के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि सेवानिवृत्ति के बावजूद कार्यकाल के दौरान आवंटित जमीनों की एवज में पांच लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार होने वाले वरिष्ठ आरएएस अधिकारी प्रेमाराम परमार व नाचना निवासी दलाल नजीर खान को जोधपुर में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें दो-दो दिन के रिमांड पर भेज दिया गया।
आरोपियों से जमीन आवंटन संबंधी अनेक मूल पत्रावलियां जब्त की गईं हैं। वहीं, बीस लाख रुपए, लाखों के आभूषण व करोड़ों की सम्पत्ति भी उजागर हुई है। इनके संबंध में आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
20 लाख की होनी थी वसूली, 10 ले चुका 10 थे बाकी
एसीबी का कहना है कि प्रेमाराम ने अपने कार्यकाल के दौरान जिन-जिन लोगों को जमीन आवंटित की थी, उन प्रत्येक से रिश्वत के रूप में दस-दस, बीस-बीस हजार रुपए वसूल करने थे। जो करीब बीस लाख रुपए होते हैं। दलाल के मार्फत वो दस लाख रुपए सेवानिवृत्त होने से पहले ही वसूल कर चुका था। दस लाख रुपए बाकी थे। इनमें से पांच लाख रुपए दलाल नजीर खां ने एकत्रित किए थे। उसने शुक्रवार रात बाड़मेर स्थित आवास पर प्रेमाराम को यह रुपए दिए थे। तभी ब्यूरो ने दबिश देकर दोनों को पकड़ लिया था।
आवंटित जमीन ऊंचे दामों पर बेचने में भी सक्रिय
एसीबी का कहना है कि पोंग बांध विस्थापितों को भूमि आवंटिन कराने के बाद दलाल उन्हें कुछ रुपए देकर जमीन किसी अन्य के नाम बेचान करवाई जाती थी। फिर दलाल जमीन को तीसरी पार्टी को ऊंची कीमतों में बेच देते थे। इसके साथ ही दलाल को वसूली में भी कमीशन दिया जा रहा था। इस पूरे खेल में कम से कम बीस से पच्चीस दलाल सक्रिय हैं। इनमें से दस दलाल व प्रेमाराम पर एसीबी पिछले एक माह से नजर रखे हुए थी।

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