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जोधपुर

कांकाणी हिरण शिकार मामले के अभियुक्त सलमान खान की अपील पर सुनवाई आज

जब सलमान खान को जोधपुर में जेल हुई थी और हीरो से शिकारी का टैग मिला था।

जोधपुरMay 07, 2018 / 09:01 am

M I Zahir

salman khan in jodhpur

salman khan in jodhpur

जोधपुर. मशहूर फिल्म अभिनेता और कांकाणी हिरण शिकार मामले के अभियुक्त सलमान खान की ओर से जिला व सत्र न्यायालय के न्यायाधीश चंद्रकुमार सोनगरा की अदालत में पेश की गई अपील पर सोमवार को सुनवाई होगी। सलमान खान अपने अधिवक्ता महेश बोड़ा के साथ सुबह करीब साढ़े आठ बजे कोर्ट पहुचेंगे। सलमान अपनी बहन अलवीरा के साथ रविवार दोपहर जोधपुर पहुंच गए। जोधपुर में फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान उन पर हिरण का शिकार करने का आरोप लगा था। सभी पक्षों के साथ सलमान खान के प्रशंसकों को भी उनकी किस्मत का फैसला होने का इंतजार है। आज हम आपको उस विवाद के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने उन्हें शिकारी का टैग दिया।
सलमान खान : फ्लैश बैक

जोधपुर में 19 साल पहले हिरण शिकार प्रकरण में आरोपी बने सिने जगत के मशहूर अभिनेता सलमान खान राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म हम साथ साथ हैं की शूटिंग करने के सिलसिले में जोधपुर आए थे। हिरणों के शिकार के आरोप में जब गिरफ्तार हुए थे तब वे अपने कैरियर के उठान पर थे। वे 19 बरस पहले धनतेरस पर शिकारी का टैग साथ ले गए थे और सावन में हीरो की छवि के साथ 19 जनवरी 2017 को एक केस में बरी होने पर उन पर लगा शिकारी का पहला दाग धुल गया था।
ये थे शामिल
बॉलीवुड स्टार सलमान खान,भोपाल के छोटे नवाब अभिनेता सैफ खान, अभिनेत्री तब्बू, सोनाली बेंद्रे और करिश्मा कपूर व हास्य अभिनेता सतीश शाह भी शूटिंग के लिए जोधपुर आए थे।जब शिकार की खबर आई पहले रात 9.30 बजे प्रारंभिक सूचना आई, फिर दस बजे चर्चा शुरू हुई और बाद में रात के एक बजे थे जब शिकार करने की खबर आई, मीडिया में हरकत हुई और लोग यह सोचने लगे कि क्या सच है और क्या सही है। इन 19 बरसों में कई आरोपी पृष्ठभूमि में चले गए और कइयों को विभिन्न सुनवाइयों के दौरान कोर्ट में भी देखा गया। उनकी गिरफ्तारी के समय अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक पाटनी वीआरएस ले कर अब मुंबई में रह रहे हैं और कभी कभी जोधपुर आते रहते हैं।
जब सलमान खान पहुंचे जेल, जाते समय अफसरों ने कहा-सॉरी

मुझे याद है कि जब फिल्म के चॉकलेटी हीरो को असली जिंदगी के खलनायक की तरह जोधपुर सेंट्रल जेल में रखा गया था। यह अपने आप में जुदा केस था। जोधपुर से उनकी रवानगी का दिन यह शहर आज तक नहीं भूल सकता। यह 18 अक्टूबर 1998 की बात है। जवां दिलों की इस धड़कन के लिए सभी के दिल की धड़कनें बढ़ गई थीं। सलमान खान की चारों मामलों में रिहाई और उनकी इस शहर से विदाई की वेला कुछ यूं थी कि फर्ज की डोर से बंधे सरकारी अफसर रुंधे गले से कहते हुए दिखाई दिए, सॉरी सलमान। तब वन विभाग के दफ्तर के पास कुछ दिनों तक भीड़ रही थी।
लगी थी भीड़
शहर से विदाई के दिन सुबह सेंट्रल जेल, दोपहर को कोर्ट और शाम को एयरपोर्ट पर प्रशंसकों का हुजूम लगा हुआ था। आलम कुछ यूं था कि सेंट्रल जेल से एयरपोर्ट तक हर तरफ फैन्स के रेले नजर आ रहे थे। उनका नाम मथानिया प्रकरण से जुडऩे के बाद पहले बासनी और फिर सेंट्रल जेल लोगों के चर्चा का केंद्र रही थी। लोग इन क्षेत्रों के आसपास मंडरा रहे थे। उससे पहले सेंट्रल जेल के पास तो लोग सुबह से ही मंडराना शुरू हो गए थे। जो इस उम्मीद में जेल के आसपास मंडरा रहे थे कि सलमान खान को लेकर पुलिसकर्मी अब निकले अब निकले। लेकिन उन्हें अदालत न ले जाने की खबर मिलने के बाद वहां भीड़ कुछ कम हो गई। उसके बाद पुलिस के डंडे के जोर से तो भीड़ बिल्कुल ही छंट गई।
अदालत में लगा था प्रशंसकों का रेला

उस दिन का नजारा आज भी आंखों में तैर जाता है। उनसे जुड़े मामले की सुनवाई और 16 अक्टूबर की अधूरी बहस जब 17 अक्टूबर को शुरू हुई तो सुबह अदालत परिसर प्रशंसकों से अट गया था, लेकिन सिर्फ बहस और उन्हें पेश करना जरूरी न होने के कारण अदालत में उनका इंतजार कर रहे प्रशंसक मायूस दिखाई दिए थे। दोपहर तक केस की तस्वीर साफ होने के बाद भीड़ फिर अदालत में जुटना शुरू हो गई थी। सलमान खान के जमानत पर रिहा होने के मौके पर सेंट्रल जेल के बाहर जनसैलाब उमड़ पड़ा था।
भाई से लिपट पडे़ थे सलमान खान
सलमान खान जोधपुर सेंट्रल जेल के छोटे द्वार से तेज रफ्तार से बाहर निकलते ही अपने भाई सोहेल खान से लिपटने के बाद तूफानी रफ्तार से कार में सीधे उम्मेद भवन पैलेस के लिए रवाना हो गए थे। शूटिंग के दौरान सलमान खान इसी होटल में रुके थे। इस दौरान कई बड़े अफसरों के परिवारों और प्रशंसकों ने उनसे मिलने, ऑटोग्राफ लेने और साथ में फोटो खिंचवाने की कोशिश की, मगर मायूसी हाथ लगी। अपने हीरो के लिए जेल के बाहर था जनसैलाबजेल के बाहर का आलम तो यह था कि लोग ओल्ड पॉवर हाउस की छत, लोको कॉलोनी और आसपास की छतों पर खड़े थे। तब लोको की ओर का रेलवे स्टेशन नहीं बना था। उस दिन उम्मेद भवन पैलेस के बाहर भी लोगों की भीड़ लगी थी। यहां भी सलमान खान की कार पैलेस के पोर्च की पार्र्किंग से निकली और सीधे एयरपोर्ट के द्वार पर जा कर रुकी।
रो रहे थे, कुछ रुंआसे थे लोग : जज्बात से भरा था माहौल

एयरपोर्ट पर भी बड़ा ही भावनात्मक माहौल था। सलमान खान की गिरफ्तारी के समय पेश रहे अफसर उनकी विदाई की वेला में सॉरी कहते हुए देखे गए। तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक (पश्चिम) मालिनी श्रीवास्तव सलमान खान को विदा करते समय रुंआसी हो उठीं तो एस एस तिवारी का गला भी रुंध गया। एयरपोर्ट पर उद्योगपतियों, समाजसेवकों और प्रशंसकों का हुजूम सलमान खान के लिए रो रहा था।कहीं प्लेन छूट न जाएउस दिन सलमान के एयरपोर्ट पहुंचने से पहले उनके मित्र बन्टी कोहली और राजू को इस बात की फिक्र सता रही थी कि कहीं प्लेन न छूट जाए। काफी इंतजार के बाद हुजूम को चीरते हुए जब सलमान खान एयरपोर्ट पहुंचे तो उन सबकी जान में जान आई। थोड़ी देर के लिए सबकी आंखों में खुशी के आंसू नजर आए। इस दौरान प्रशंसकों ने एयरपोर्ट के अंदर घुसने की बहुत कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
यह नजारा था
नजारा यह था कि शीशे की दीवारों के पीछे खड़े प्रशंसक रुंआसे खड़े थे। जैसे ही सलमान खान विमान में चढ़े, कई प्रशंसक रो पड़े। भीगीं आंखें कह रही थीं- सलाम जोधपुर। सूरज धीरे-धीरे अस्त हो रहा था। आकाश में लालिमा छाई हुई थी। शहर में धनतेरस की धमचक थी और सलमान खान की उड़ान ने सलाम जोधपुर कह दिया। प्रशंसक बहुत देर तक उनकी फ्लाइट को बाय-बाय करते रहे, मगर सलमान खान तो जा चुके थे।
संस्मरण : एम आई जाहिर

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