मरुस्थलीय पौधों में विशेष एंटीवायरस लक्षण पाए जाते हैं जिनके लिए उनमें उपस्थित फ ाइटोकपांउड उत्तरदायी होते हैं। सांगरी के विभिन्न सत के अन्वेक्षण में एलसीएमएस रासायनिक फि ंगर प्रिंटिंग से मुख्य 22 यौगिकों का चयन कर कंप्यूटर आधारित सॉफ्टवेयर अध्यनन में वायरस के विभिन्न टारगेट्स क्रमश: आरएनए डिपेंडेंट डीएनए पोलिमरेज, मुख्य प्रोटीएज, स्पाइक प्रोटीन, एसीई-2 ग्राही और प्राइमर के विरुद्ध विश्लेषण किया गया। इसका विश्लेषण केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान लखनऊ से करवाया गया। शोध डाटा के अनुसार सांगरी के यौगिक-जी व यौगिक-एम वायरस के बहुगुणन को आरएनए डिपेंडेंट डीएनए पोलिमरेज के अवमन्दन द्वारा रोकने में सक्षम है। साथ ही ग्राही एसीई-2 के अवमंदन की भी क्षमता रखते हैं।
सांगरी द्वारा कोरोना संक्रमण को अवरुद्ध करने का पता चला है। अब इन-विट्रो और इन-वीवो अध्ययन के लिए शोध प्रोजेक्ट भेजा जाएगा, जिससे औषधिय सप्लीमेंट की दिशा में काम होगा। फ ार्मास्यूटिकल कम्पनीज के लिए नवीन औषधि भी विकसित की जा सकेगी।
– डॉ हीराराम, प्राणी शास्त्र विभाग, जेएनवीयू जोधपुर