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जोधपुर

निलम्बित IAS निर्मला मीना को अब SC से झटका, 8 करोड़ रु के 33 हजार क्विंटल गेहूं गबन मामले में है आरोपी

8 करोड़ रु के 33 हजार क्विंटल गेहूं गबन मामले में आरोपी निलम्बित आईएएस निर्मला मीना को अब सुप्रीम कोर्ट से झटका
 

जोधपुरMay 11, 2018 / 12:13 pm

Nidhi Mishra

SC rejects bail plea of suspended IAS Nirmla Meena

SC rejects bail plea of suspended IAS Nirmla Meena

जोधपुर। बीपीएल परिवारों को वितरित करने के नाम पर आठ करोड़ रुपए का तैंतीस हजार क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवाकर गबन करने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच में घिरी निलम्बित आईएएस निर्मला मीना को सुप्रीम कोर्ट से झगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मीणा की अग्रिम जमानत याचिका गुरुवार को महज एक से डेढ़ मिनट की सुनवाई में ही खारिज कर दी। अब मीना के समक्ष एसीबी के समक्ष समर्पण करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
पुलिस अधीक्षक (एसीबी) अजयपाल लाम्बा ने बताया कि प्रकरण में हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद आरोपी निलम्बित आईएएस व तत्कालीन जिला रसद अधिकारी निर्मला मीना ने गत दिनों सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसके लिए गुरुवार सुबह सुनवाई हुई। मीणा की ओर से अधिवक्ता केटीएस तुलसी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। एसीबी की ओर से अधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। महज एक से डेढ़ मिनट में ही दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश ने निलम्बित आईएएस मीणा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश दिए। इसी के साथ तत्कालीन डीएसओ मीणा को राहत मिलने की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई।
हाईकोर्ट ने भी गत 17 अप्रेल को निलम्बित आईएएस निर्मला मीणा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गौरतलब है कि मार्च 2016 में बीपीएल परिवारों की संख्या में एकदम बढ़ोतरी होने के नाम आठ करोड़ रुपए का तैंतीस हजार क्विंटल गेहूं अतिरिक्त मंगवाया गया था। जिसका वितरण सिर्फ कागजों में ही हुआ था। इसके बाद वाले माह में पूर्व की भांति गेहूं आवंटित किया गया। यानि बीपीएल परिवारों की संख्या घट गई थी। परिवाद की जांच में घोटाले की पुष्टि होने पर एसीबी ने तत्कालीन डीएसओ निर्मला मीणा, आटा मिल संचालक स्वरूप सिंह राजपुरोहित, ठेकेदार सुरेश उपाध्याय व रसद विभाग के क्लर्क अशोक पालीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अब तक आटा मिल मालिक स्वरूप सिंह की ही गिरफ्तारी हो पाई है।
एसीबी को उम्मीद जल्द करेंगी समर्पण

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद धराशायी होने के बाद निलम्बित आईएएस मीणा पूरी तरह एसीबी के शिकंजे में है। उसके सामने अब गिरफ्तारी के अलावा कोई रास्ता नहीं है। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से मीणा व उसके पति पवन मित्तल गायब हैं। एसीबी को पवन मित्तल से भी पूछताछ करनी है। अब एसीबी को उम्मीद है कि निलम्बित आईएएस जल्द ही समर्पण कर सकती है।
एक-दो दिन में दर्ज होगी आय से अधिक सम्पत्ति की एफआईआर

मामले की जांच के दौरान एसीबी ने निर्मला मीना के ठिकानों पर दबिश देकर तलाशी ली थी। साथ ही विभिन्न शहरों के पंजीयन विभागों से अपने स्तर पर साक्ष्य एकत्रित किए थे। जिनकी जांच में सामने आया कि निर्मला मीणा व पति के पास करोड़ों रुपए की सम्पत्ति है। बैंक खातों में 42 लाख रुपए व सत्रह लाख रुपए की एफडीआर और लाखों रुपए म्युचुअल फंड व शेयर बाजार में निवेश किए जाने का पता लगा था। इन दस्तावेजों की जांच अंतिम चरण में है। जिसमें यह साबित हो चुका है। मीणा ने आय से अधिक सम्पत्ति बनाई है। इस आधार पर अब एक-दो दिन में आय से अधिक सम्पत्ति की एफआईआर दर्ज हो सकती है।
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