5 साल में भी नहीं बना सात किमी बाईपास
बिलाड़ा में
यातायात दबाव कम करने के लिए पिचियाक से खारिया मीठापुर तक प्रस्तावित 7 किलोमीटर
लम्बे बाईपास का काम पांच वर्ष से अटका पड़ा है
खारिया मीठापुर। बिलाड़ा में यातायात दबाव कम करने के लिए पिचियाक से खारिया मीठापुर तक प्रस्तावित 7 किलोमीटर लम्बे बाईपास का काम पांच वर्ष से अटका पड़ा है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 27 करोड़ की राशि स्वीकृत की थी और यह काम 15 माह में पूर्ण होना था, लेकिन प्रशासन अतिक्रमण हटा नहीं पाया, इसके चलते बाईपास का काम अटक गया। केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने सितम्बर 2009 में बाईपास का काम नेशनल हाइवे अथोरिटी को सौंपा था।
पटवारी चौथाराम ने बताया कि 49 लोगों के मुआवजा राशि के चेक आए थे। इनमें से 35 जनों ने मुआवजा राशि कम बताते हुए चेक वापस लौटा दिए। इन लोगों का कहना है कि मुआवजा राशि पैंतीस साल पुराने सर्वे के आधार पर दी गई है, जो आज के हिसाब से कम है।
बाईपास मार्ग पर हो गए पक्के अतिक्रमण
प्रशासन व विभाग की लापरवाही के कारण बाईपास मार्ग पर ग्रामीणों ने पक्के अतिक्रमण कर लिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
बाईपास कार्य को चालू करवाने के लिए प्रशासनिक बैठक में चर्चा करके नए सिरे से टेण्डर करवाए जाएंगे।
– मुकेश चौधरी, उपखंड अधिकारी बिलाडा
4 किलोमीटर का सफर होगा कम
बाईपास बनने के बाद जोधपुर से जयपुर का सफर 4 किलोमीटर कम हो जाएगा। वहीं बिलाड़ा के भीड़भाड़ वाले मार्ग से भी निजात मिल सकेगी, इससे समय की भी बचत हो सकेगी। वर्तमान में जोधपुर से जयपुर जाने के लिए पिचियाक बिलाड़ा होकर खारिया मीठापुर (9 किलोमीटर) का चक्कर लगाकर जयपुर मार्ग पर आना पड़ता है। नेशनल हाइवे 112 जोधपुर-जयपुर मार्ग पर यातायात दबाव कम करने के लिए एनएच ऑथोरिटी ने 6 वर्ष पूर्व बाईपास के लिए प्रस्ताव भेजा था। इसमें बाईपास की चौड़ाई 14 मीटर रखी गई थी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बाईपास निर्माण के लिए मार्ग के दोनों तरफ 4 से 5 मीटर भूमि आवाप्ति का काम पहले ही किया जा चुका है।
11 करोड़ का काम पूरा
नेशनल हाइवे ऑथोरिटी पाली के एक्सईएन अशोक अग्रवाल के अनुसार 27 करोड़ के बाईपास पर 11 करोड़ की राशि का काम हुआ है, जिसमें 4.75 किलोमीटर बाईपास मार्ग बन चुका है। शेष 2 कि.मी. सड़क का कार्य जमीन के अभाव में बंद पड़ा है।
फ र्म ने दिए विभाग को नोटिस
बाईपास निर्माण का कार्य 15 माह में पूरा होना था। विभाग द्वारा ठेकेदार फ र्म को समय पर जमीन उपलब्ध नहीं कराने के कारण कार्य पूरा नहीं हो सका। इस पर ठेकेदार फ र्म ने विभाग को कई बार नोटिस दिए। एनएचएआई ने इस अधूरे मार्ग पर बने मकान व दूकानें हटाने व अतिक्रमण मुक्त करने के लिए नोटिस भेजे, लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई।
दुबारा होगा टेण्डर
अधूरे कार्य को पूरा कराया जाएगा। विभागीय कार्यवाही के अनुसार, जमीन के मामले क ो निपटाकर दुबारा टेन्डर करवाया जाएगा। उपखण्ड अधिकारी बिलाड़ा को विभाग ने नक्शा बनाकर भिजवा दिया है। किसानों को शीघ्र मुआवजा देकर जमीन ली जाएगी, ताकि कार्य शुरू हो सके। अशोक अग्रवाल, एक्सईएन, नेशनल हाईवे ऑथोरिटी पाली