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जोधपुर

ये हैं भ्रष्टाचार से जुड़े बीते छह महीनों के 5 बड़े मामले, 42 दिन में 6 पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में फंस चुके हैं

anti corruption bureau rajasthan ने बगैर रिकॉर्ड में लिए यानि उचंती में जब्त चार लाख रुपए में से एक लाख रुपए आरोपी को लौटाते रातानाडा थानाधिकारी भूपेन्द्र सिंह को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। acb को देख जांच अधिकारी व उप निरीक्षक गणपतलाल पत्रावली लेकर थाने से भाग निकला। वहीं इन छह महीनों में bribe cases से जुड़े 5 बड़े मामले सामने आए हैं। जिन्होंने पुलिस और नौकरशाही का काला सच उजागर किया है।

जोधपुरJun 23, 2019 / 03:10 pm

Harshwardhan bhati

chhindwara

ये हैं भ्रष्टाचार से जुड़े बीते छह महीनों के 5 बड़े मामले, 42 दिन में 6 पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में फंस चुके हैं

जोधपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( anti corruption bureau rajasthan ) ने बगैर रिकॉर्ड में लिए यानि उचंती में जब्त चार लाख रुपए में से एक लाख रुपए आरोपी को लौटाते रातानाडा थानाधिकारी भूपेन्द्र सिंह को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। एसीबी ( ACB ) को देख जांच अधिकारी व उप निरीक्षक गणपतलाल पत्रावली लेकर थाने से भाग निकला। वहीं इन छह महीनों में भ्रष्टाचार ( bribe cases in jodhpur ) से जुड़े 5 बड़े मामले सामने आए हैं। जिन्होंने पुलिस और नौकरशाही का काला सच उजागर किया है। वहीं सिर्फ पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई की बात करें तो जोधपुर में गत 42 दिन में 6 पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में फंस गए हैं। आइए जानते हैं प्रमुख मामले :-
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मॉडल थाने का एसआई गिरफ्तार

राज्य के मॉडल पुलिस स्टेशन के थानेदार (एसआइ) को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बीते महीने 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। थानेदार गजेन्द्रसिंह चारण ने मासिक बंधी न देने पर बजरी से भरा डम्पर व एस्कॉर्ट कर रही बोलेरो जब्त करने के बाद 45 हजार रुपए मांगे थे। रिश्वत लेते ही एसीबी अफसरों को देख एसआइ भाग कर थाने की छत पर जा चढ़ा और रिश्वत राशि फेंक दी। लेकिन एसीबी ने रिश्वत राशि भी बरामद कर ली। इस मामले में थानाधिकारी संजय बोथरा और एक हेड कांस्टेबल की भूमिका भी सामने आई है। इस मामले में कार्रवाई जारी है।
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आरएएस अधिकारी पर गिरी गाज

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दो महीने पूर्व जोधपुर एडीएम द्वितीय आरएएस अधिकारी विजय सिंह नाहटा को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार भूमि का सीमांकन पत्थरगढ़ी का आदेश देने की एवज में नाहटा ने 10 हजार रुपए की रिश्वत ली थी। नाहटा ने पप्पूदास पुत्र हरिदास से इस संबंध में रिश्वत ली थी। ब्यूरो की शहर चौकी प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र चौधरी की कार्रवाई करते हुए नाहटा को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया है। नाहटा एडीएम तृतीय का भी अतिरिक्त कार्य संभाल रहे थे। जेल से छूटने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया।
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यातायात पुलिसकर्मी ने ली घूस

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बिना नम्बर के कारण जब्त नई मोटरसाइकिल छोडऩे की एवज में चौदह सौ रुपए लेकर तीन सौ रुपए की रसीद काटने वाले पुलिस कमिश्नर जोधपुर की यातायात शाखा के हेड कांस्टेबल हरसुखराम जाट को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। ब्यूरो के उप महानिरीक्षक सवाईसिंह गोदारा ने बताया कि बाड़मेर जिले में सिणधरी थानान्तर्गत सारणों की ढाणी निवासी गोपालदेव पुत्र नाथाराम जाट की शिकायत पर हेड कांस्टेबल हरसुखराम पुत्र भागीरथराम जाट को चौदह सौ रुपए लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। इसमें से उसने तीन सौ रुपए जुर्माने की रसीद काटी और ग्यारह सौ रुपए अपने पास रख लिए थे।
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हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री लागने की एवज में रिश्वत

जोधपुर के तनावड़ा में हैण्डीक्राफ्ट फैक्ट्री लगाने को ऋण लेने के लिए आवश्यक एनओसी जारी करने की एवज में पैंतालिस सौ रुपए रिश्वत लेते सरपंच को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। गांव में मकान पर बने कार्यालय में दस हजार रुपए मांगने के बाद पांच हजार रुपए लेकर परिवादी के आग्रह पर सरपंच ने पांच सौ रुपए लौटा दिए थे। बासनी में संगम नगर निवासी अमृतलाल पुत्र चंपालाल बोराणा को तनावड़ा में गुलाजी फर्नीचर स्क्वायर नामक हैण्डीक्राफ्ट की फैक्ट्री लगानी थी। इसके लिए उसे बैंक से ऋण लेना था, लेकिन ऋण के लिए उसे गांव के सरपंच की एनओसी लेनी आवश्यक थी। इस मामले में तनावड़ा ग्राम पंचायत के सरपंच पुखराज उर्फ पुखाराम मेघवाल को गिरफ्तार किया गया था।
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कांस्टेबल को रुपए दिलाने का मामला

61 लाख रुपए की धोखाधड़ी मामले में दस प्रतिशत के हिसाब से छह लाख रुपए बतौर रिश्वत मांगकर पच्चीस हजार रुपए कांस्टेबल को दिलाने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बालोतरा थाने के तत्कालीन उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल के खिलाफ जोधपुर स्थित भ्रष्टाचार निवारण मामलात की अदालत में चालान पेश किया था। बाइस माह की जांच में एसीबी ने दोनों के खिलाफ आरोप प्रमाणित माने। अदालत ने दोनों आरोपियों को जमानत मुचलके पर रिहा किया था। ब्यूरो के उप महानिरीक्षक सवाईसिंह गोदारा के अनुसार प्रकरण में बाड़मेर जिले में पुलिस स्टेशन बालोतरा के तत्कालीन उप निरीक्षक जगदीश सिहाग व कांस्टेबल रामाराम बिश्नोई के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है। वर्तमान में एसआई जगदीश पुलिस लाइन जैसलमेर और कांस्टेबल रामाराम अभी तक बालोतरा थाने में ही पदस्थापित है।

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