पीडि़ता की सहेली के बयानों का हवाला अपने ही गुरुकुल की नाबालिग से यौन दुराचार के आरोपी आसाराम मामले में अंतिम बहस के तहत अभी बचाव पक्ष की ओर से दलीलें जारी हैं। बुधवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने एक बार फिर चौंकाने वाली दलील देते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से बताई जाने वाली शिल्पी पीडि़ता के छात्रावास की वार्डन ही नहीं थी। वहीं सुराणा ने पीडि़ता की रूममेट रही छात्रा चारुल के बयानों के हवाले से कहा कि वह पीडि़ता के साथ हर वर्ष जन्मदिन मनाती थी और दोनों एक साथ एक ही रूम में रहती थी। चारुल के अनुसार पीडि़ता उसकी अच्छी सहेली थी, उसने क्यों आरोप लगाए, उसे इस बात की जानकारी नहीं है। चारुल ने आसाराम पर लगे तथाकथित यौन उत्पीडऩ के आरोपों को पूरी तरह से नकारा था और इस बारे में अनभिज्ञता जाहिर की थी।
सुराणा ने कहा, इससे सिद्ध होता है कि आसाराम पर लगे आरोप आधारहीन और मनगढं़त हैं। समय अभाव के कारण बुधवार को बहस पूरी नहीं सकी। गुरुवार को भी इस मामले की फिर से सुनवाई हुई।
आसाराम ने लगाया सुरमा
कोर्ट के बाहर आसाराम ने मीडिया से बातचीत की और कहा कि अभी आंखों में सुरमा लिया है जो जलन कर रहा है। साथ यह भी कहा कि ट्विटर पर अब फॉलोवर्स बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच्चाई पर विश्वास है, भगवान पर पूरा भरोसा है, देर सवेर ही सही पर सच्चाई की जीत होगी।
यौन उत्पीडऩ का है आरोप आपको बता दें कि गत तीन वर्षों से
जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम पर अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से यौन उत्पीडऩ करने का आरोप है। आसाराम अब तक कई बार जमानत के लिए अर्जी दे चुके हैं, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिल सकी। आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट तक में भी जमानत याचिका दाखिल की थी।
बनाए बीमारी के भी बहाने
आसाराम ने करीब 12 बीमारियों को आधार बना कर दक्षिण भारत में इलाज लेने की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड गठित कर रिपोर्ट देने को कहा। इस रिपोर्ट के बाद आसाराम को उपचार की अनुमति नहीं मिली। आसाराम के समर्थक हर पेशी पर उनकी झलक देखने उमड़ पड़ते हैं। ऐसे में कई बार पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ता है, तो कई बार समर्थकों को शहर के बाहर भी छोड़ देना पड़ता है।