इस बीच, जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के निरीक्षक अमित सिहाग को सुनील डूडी के खारा में छुपे होने की सूचना मिली। एटीएस-एसओजी अजमेर के निरीक्षक भूराराम खिलेरी के नेतृत्व में भीलवाड़ा पुलिस में निरीक्षक राजेन्द्र गोदारा, गजराज चौधरी, पाली पुलिस में सुरेश चौधरी, नागौर पुलिस के एसआइ अशोक बिस्सु व जैसलमेर पुलिस के एसआइ सुनील ताडा ने तड़के तीन बजे खारा गांव के मकान में दबिश दी।
उसे पूछताछ के लिए कुड़ी भगतासनी थाने ले जाया गया, जहां से गिरफ्तार कर भीलवाड़ा पुलिस उसे भीलवाड़ा ले गई। पुलिस ने एक कांस्टेबल सहित पांच-छह अन्य युवकों को भी हिरासत में लिया है। जिनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने सुनील डूडी से एक पिस्तौल व कई जिंदा कारतूस और खाली कारतूस जब्त किए। पुलिस पर फायरिंग के बारे में रायला थानाधिकारी की ओर से फलोदी थाने में जानलेवा हमला, राजकार्य में बाधा डालने व आम्र्स एक्ट में मामला दर्ज कराया गया।
प्रकरण में नेतराम, रामनिवास, प्रकाश, रामदेव, धवा गांव निवासी राजू डारा फौजी, बाड़मेर निवासी पाबू गोरछिया, रमेश भाणिया व यशवंत बंटी भी आरोपी है। जो अभी तक पकड़ में नहीं आ सके हैं। राजू फौजी भी मुख्य आरोपी बताया जाता है। जो सेना में रह चुका है। इनकी धरपकड़ के लिए सुनील डूडी से पूछताछ की जा रही है।
आरोपियों के सम्पर्क वाले लोगों से जांच के बाद खारा निवासी देचू थाने के एक सिपाही की भूमिका संदिग्ध नजर आई। जोधपुर पुलिस की सूचना पर एसओजी-एटीएस ने कांस्टेबल को हिरासत में लिया, लेकिन उसने कोई जानकारी नहीं दी। पुलिस ने गिरफ्तारी का डर दिखाया तो कांस्टेबल टूट गया। उसने खारा में भाई के मकान में छुपे होने की पुख्ता सूचना दे दी। कांस्टेबल व आरोपी सुनील डूडी मादक पदार्थ तस्करी में साझेदार बताए जाते हैं। कांस्टेबल हिरासत में है।