जोधपुर जिले के गुड़ा क्षेत्र के काले हरिणों और चिंकारों के अलावा शीतकालीन प्रवासी पक्षियों के आगमन और प्राणी शास्त्रीय महत्व को देखते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने 15 दिसम्बर 2011 को गुड़ा कंजर्वेशन रिजर्व की घोषणा की थी। लेकिन एक दशक बीतने के बाद भी अभी तक कुल 231.87 हेक्टेयर भूमि का टाइटल वनविभाग के नाम दर्ज नहीं होने के कारण कंजर्वेशन भूमि पर विकास कार्य और उचित वन्यजीव प्रबंधन गतिविधियों का संचालन ठप पड़ा है। काले हरिण बहुल क्षेत्र में कंजर्वेशन रिजर्व घोषित होने के बाद वन्यजीवों के लिए स्थाई रूप से चारे पानी तक का इंतजाम नहीं हो पाया है और ना ही कंजर्वेशन की मूल भावना अनुरूप क्षेत्र में चारागाह विकास तक नहीं हो पाए है।