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जोधपुर

प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना हैं तो पढ़ लें यह जरूरी खबर

-कई युवा सोचते हैं कि खाने-पीने की उम्र में क्यों करें योग, लेकिन उनकी यह सोच हैं गलत

जोधपुरJun 07, 2018 / 09:55 pm

Kanaram Mundiyar

Yoga Special, Useful News for Competetion Exams preparation

प्रतियोगी परीक्षा में सफल होना हैं तो पढ़ लें यह जरूरी खबर

-इसलिए करें योग क्योंकि विद्यार्थियों में सकारात्मक ऊर्जा भर मन को एकाग्र करता है योग
बासनी (जोधपुर).
आमतौर पर कई युवा यह सोचते हैं, अभी तो उनकी खाने-पीने व घूमने-फिरने की उम्र हैं, योग-प्राणायाम करके क्या करेंगे? कई युवा यह कहने से भी पीछे नहीं रहते कि योग-प्राणायाम तो उम्रदराज लोगों को करना चाहिए। लेकिन युवाओं का ऐसा सोचना ही गलत है। क्योंकि सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा व एकाग्रता की जरूरत युवाओं को ही हैं। अधिकतर युवा या तो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या फिर उच्च अध्ययन में जुटे हैं। योग-प्राणायाम न केवल विद्यार्थियों व प्रतियोगियों की स्मरण शक्ति बढ़ाता है बल्कि युवाओं के स्वास्थ्य को संतुलित भी रखता है।

योग प्रशिक्षकों का कहना है कि योग-प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शारीरिक मजबूती भी बढ़ती है। कोई भी परिश्रम करने से जल्दी थकान महसूस नहीं होगी। गर्मी हो या सर्दी, मौसम का प्रतिकूल असर भी हमारे शरीर पर पड़ता है, लेकिन जो लोग योग-क्रियाएं करते हैं, उनके शरीर पर मौसम के कहर का अधिक प्रभाव भी नहीं पड़ता। ऐसे में हमें यह समझ लेना चाहिए कि योग की सबसे अधिक जरूरत युवा पीढ़ी को ही हैं, क्योंकि दौड़-भाग की जिन्दगी में इन दिनों सबसे ज्यादा भागदौड़ भी युवाओं को ही करनी पड़ती है। यदि यही युवा वर्ग प्रतिदिन सुबह एक घंटा योग के लिए निकाल लें तो वो पूरे दिन रिचार्ज रहेंगे। यानि पूरे दिन काम करने के दौरान उनके शरीर में स्फूर्ति रहेगी।
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फिट हो रहा जोधपुर–
जोधपुर शहर में निरोगी काया को लेकर लोग अब जागरूक होने लगे हैं। ऐसी कई बीमारियां है, जिनका स्थायी इलाज नहीं होता। इसलिए लोग ऐसी बीमारियों से निजात पाने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं। आगामी २१ जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के चलते शहर में योग सीखने के लिए जुनून बढ़ रहा है। शहर में कई क्षेत्रों में चलाए जा रहे शिविरों में प्रतिभागी उत्साह से भाग लेकर ‘हम फिट तो इण्डिया फिट’ के मूलमंत्र के साथ स्वस्थ होने का संकल्प ले रहे हैं।
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बीमारियों से मिल रही निजात–
योगाचार्य डॉ. गोपाल नारायण शर्मा का कहना है कि योग-प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कई लोगों को पैरों व घुटनों में दर्द, पीठ का दर्द, घबराहट, सिर चक्कराना, अनिन्द्रा, अत्यधिक तनाव, मधुमेह, मोटापा जैसी परेशानियों से राहत मिल रही है। एक सप्ताह में ही प्रतिभागी अच्छा महसूस कर रहे हैं। ऐलोपैथी में चिकित्सक भी कई रोगियों को शारीरिक पीड़ा निदान के लिए योगाभ्यास करने की सलाह दे रहे हैं।
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सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है–
योग गुरु रचना रांकावत लम्बे समय से जोधपुर के स्टील भवन एवं प्राकृतिक चिकित्सा एवं स्वाध्याय संस्थान चौपासनी रोड पर योग-प्राणायाम का प्रशिक्षण दे रही है। योग गुरू रांकावत का कहना है कि योग-प्राणायम की विधियों का नियमित अभ्यास करने से शरीर में स्थिरता बढ़ती है। मन की चंचलता दूर होती है। शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। मानसिक शांति और आंतरिक सुख बढ़ता है। इसलिए सभी को योग जरूर करना चाहिए। यदि हम योग-प्राणायाम करते रहेंगे तो हम कई रोगों से चपेट में ही नहीं आएंगे।

इसलिए 21 जून को योग दिवस–
21 जून को पृथ्वी के सापेक्ष सूर्य उत्तर से दक्षिण की ओर जाता है, जिसे संक्रमण काल कहते हैं। इसी दिन भगवान शंकर ने सप्तर्षियों को योगी की शिक्षा दी थी और उन्हीं सप्तर्षियों ने विश्व में योग का प्रचार किया था। इसके चलते 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है।

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