जब किशोरी जिला अस्पताल पहुंची तो यहां डॉक्टरों से उसने पेट में दर्द की शिकायत की। जांच पड़ताल में डॉक्टरों ने उसे गर्भवती पाया और उसे महिला वार्ड में भर्ती कर लिया गया। कुछ देर बाद उसे प्रसव पीड़ा हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दे दिया। इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन ने महिला हेल्प लाइन को दी। अस्पताल पहुंच कर महिला हेल्पलाइन की सदस्यों ने किशोरी से यौन शोषण करने वाले शख्स का नाम पूछने का प्रयास किया। किशोरी की हालत ठीक न होने पर महिला हेल्प लाइन की सदस्यों ने आशा ज्योति केन्द्र को इसकी सूचना दी। इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी ने माॅ और बच्चे दोनों की देखरेख के लिए जिला अस्पताल में अच्छी सुविधायें दिये जाने के निर्देश दिये हैं।
आशा ज्योति केन्द्र की टीम ने किशोरी और उसके बच्चे के संरक्षण की प्रक्रिया पूरी की। इस टीम ने भी शोषण करने वाले शख्स के बारे में पूछा, लेकिन किशोरी ने साफ मना कर दिया। बाल संरक्षण अधिकारी विजय कुमार राठौर का कहना है कि किशोर के पूर्ण स्वस्थ्य होने के बाद बाल कल्याण समिति शोषण करने वाले शख्स के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और पीड़िता व उसके बच्चे को संरक्षण के लिए किसी कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी।
किशोरी के साथ यौन शोषण करता था उसका अपना बाप- जब डाक्टरों ने लड़की से बच्चे के बाप का नाम पूछा तो उसका नाम सुनते ही सब दंग रह गये। क्योकि इस नाबालिग को माॅ बनाने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका सगा बाप ही है। जो अस्पताल में बच्ची को छोड़कर फरार हो गया और अब पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है। नाबालिग ने जिस बच्चे को जन्म दिया है उसकी सात माह का गर्भ होने की वजह से हालत गम्भीर बनी हुई है। इस मामले में आशा ज्योति केन्द्र की महिलाओं ने माॅ और बच्चे दोनों की ही देखरेख का जिम्मा अपने ऊपर उठाया है। आशा ज्योति केन्द्र की महिलाओं का कहना है कि जब बाप ही हैवान बन जाये तो बच्ची की रक्षा कौन करेगा।
अपनी छोटी बहन और पिता के साथ घर में रहती थी किशोरी माँ की मौत के बाद घर में पिता रामऔतार व छोटी बहन लक्ष्मी के साथ यह किशोरी रहती थी। रामऔतार पेशे से बढ़ई है। छोटी बहन कक्षा २ में पढ़ रही है जो स्कूल चली जाती थी। वहीं 15 साल की यह किशोरी घर पर अकेली ही रहती थी।