गोको मॉडल से संचालित होंगे रक्षा प्रतिष्ठान भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के संगठन मंत्री साधु सिंह और उप महामंत्री मुकेश सिंह ने बुधवार को बताया कि सरकार ने सेना के विभिन्न वर्कशॉप को बंद करने और आर्मी बेस वर्कशॉप को गोको मॉडल यानी सरकारी स्वामित्व, लेकिन निगम द्वारा संचालित कराने का फैसला किया है। यानी सरकारी मशीनों का इस्तेमाल ठेकेदार करेगा।इसके तहत डिफेंस के ईएमई वर्कशॉप पर नियंत्रण सरकारी रहेगा लेकिन काम करने वाले लोग ठेके पर रखे जाएंगे। यहां सेना के टैंक, हथियार और राडार की रिपेयरिंग होती है। ईएमई की बेस वर्कशॉप 8 हैं। स्टेशन वर्कशॉप 30 हैं जिनमें 14 को बंद किया जा रहा है।
हजारों लोगों के हाथ से जाएगी नौकरी कर्मचारी संगठनों का कहना है कि ऐसे फैसलों से कर्मचारियों को ट्रांसफर और अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। वहीं अस्थायी कर्मचारी नौकरी से हाथ धो बैठेंगे। इसी तरह ओईएफ में बनने वाले उत्पादों को नॉन कोर श्रेणी में रखकर काम छीन लिया गया। सैन्य बलों को यूनीफॉर्म के स्थान पर यूनीफॉर्म एलाउंस देकर ये काम किया गया है। बहरहाल, फैसले के विरोध में ओईएफ-फूलबाग में प्रदर्शन के तीसरे दिन आयुध निर्माणियों के निजीकरण, रविवार का ओवर टाइम बंद करने और आयुध उत्पादों को नॉन-कोर श्रेणी में डालने के विरोध में प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगाए। इसके साथ ही 15 मार्च 2018 की देशव्यापी हड़ताल में सभी को एकजुटता के साथ शामिल होने का आह्वान किया गया है।