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सिंहासन गौरी योग, भाई की कलाई पर बंधेगी डोर

भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन गुरुवार को है, जिसके चलते शहर के बाजार गुलजार रहे। रक्षाबंधन पिछले तीन वर्षों से कुछ निश्चित समय के लिए होता था

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Ruchi Sharma

Aug 18, 2016

Rakhi

Rakhi

विनोद निगम
कानपुर. भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन गुरुवार को है, जिसके चलते शहर के बाजार गुलजार रहे। रक्षाबंधन पिछले तीन वर्षों से कुछ निश्चित समय के लिए होता था। लेकिन इस बार सिंहासन गौरी योग के चलते पूरे दिन राखी बांधी जाएगी। ऐसे में दूर-दराज से आने वाले भाइयों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकारी नौकरी पर दूसरे जिले में तैनात भाईयों के लिए खुशखबरी है। पंडित रमेश त्रिपाठी रक्षाबंधन के दिन सुबह बहनें अपने भाइयों के हाथों पर दिनभर राखी बांध सकेंगी

भद्रा का साया का नहीं पड़ेगा असर

पंडित रमेश त्रिपाठी के मुताबिक रक्षाबंधन पर्व पर इस बार भद्रा का साया नहीं पड़ेगा। तीन वर्ष के बाद यह संयोग बन रहा है। जब रक्षाबंधन के दिन लोगों को भद्रा काल देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बहनें दिनभर शुभ मुहूर्तों में राखी बांध सकेगीं। साथ ही साथ इस बार सिंहासन गौरी योग के बनने से रक्षाबंधन का पर्व और भी विशेष रहेगा। बताया कि इस बार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व भद्रा मुक्त रहेगा। क्योंकि भद्रा काल सूर्योदय होने से पहले ही समाप्त हो जाएगा। इस कारण बहने चाहे तो सुबह मुहूर्त में रक्षाबंधन कर सकती है। दोपहर व शाम को भी राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में भी इस तरह के योग बने थे। उसके बाद इस वर्ष यह योग बन रहे हैं ।

यह है शुभ मुहूर्त, बाजार गुलजार

पंडित जी ने बताया कि सुबह छह से साढ़े सात बजे तक, 10.30 से दोपहर 12 बजे तक, साढ़े चार बजे से शाम छह बजे तक व छह बजे से साढ़े सात बजे तक विशेष मुहूर्त है। रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए शहर भर में मिठाइयों के प्रतिष्ठान सज गए है तो वहीं सड़कों में तमाम प्रकार की राखियां बहनों को अपने तरफ आकर्षित कर रहीं है। छोटे बच्चों के लिए भीम, हनुमान, टाऊमेन जेरी, कृष्णा, गणेशा राखियां बाजार में बच्चों को लुभा रही हैं। इसी तरह मिठाइयों में भी बच्चों के लिए कैटबेरी चाॅकलेट सहित तमाम प्रकार की मिठाइयां दुकानों में सजी हुई हैं।

सेना के जवानों को भेजी राखियां

पंडित दीनदयाल आजाद नगर के स्कूली छात्राओं ने सदहद पर तैनात जवानों को राखियां भेजकर उनकी उम्र की कामना की है। पंडित दीनदयाल स्कूल की कक्षा 8 की छात्रा छाया ने बताया कि वह अपने माता-पिता की अकेली संतान है। भाई न होने के चलते पहले हम भगवान कृष्ण को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मना लेते थे। लेकिन दो साल पहले हमारे पापा ने सरहद पर जवानों को राखियां भेजने के लिए कहा, तब से हम कारगिल में तैनात अपने भाइयों को राखियां भेज उनके साथ खुशी शेयर कर लेती हूं।

एसएनसेन स्कूल की छात्राओं ने भी भेजी राखियां

मालरोड स्थित एसएनसेन महिला इंटर काॅलेज की छात्राओं ने भी सरहद पर तैनात सेना के जवानों को राखियां भेजी हैं। कक्षा दसवीं की छात्रा रूखशाना ने बताया कि जब उसकी उम्र महज 6 साल की थी, तब से मैं हर साल रक्षाबंधन के पर्व पर काश्मीर पर तैनात सेना के जवानों को राखियां भेज रही हूं। वहीं कक्षा बारवीं की छात्रा ममता ने बताया कि हमें गर्व है कि हम जिस देश में रहते हैं उस देश की सरहद की रक्षा हमारी सेना करती है। वहीं प्रसिंपल ने कहा कि हमारे स्कूल से कईसाल से जवानों के लिए राखी भेजी जा रही है। कारगिल में शहीद जवानों को भी राखी भेजी गई हैं।

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