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कानपुर

जमदग्नि आश्रम के लिए शासन से 50 लाख की मंजूरी, परशुराम ने किया था यहां सहस्रबाहु का वध

परशुराम ने सहस्रबाहु अर्जुन का वध कर दिया। तब से यह आश्रम जमदग्नि ऋषि के आश्रम से प्रसिद्ध है।

कानपुरFeb 05, 2021 / 06:34 pm

Arvind Kumar Verma

जमदग्नि आश्रम के लिए शासन से 50 लाख की मंजूरी, परशुराम ने किया था यहां सहस्रबाहु का वध

जमदग्नि आश्रम के लिए शासन से 50 लाख की मंजूरी, परशुराम ने किया था यहां सहस्रबाहु का वध

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

कानपुर देहात-रसूलाबाद क्षेत्र के जोत गांव में स्थित प्राचीन जमदग्नि आश्रम का बड़ा ही महत्व है। वहीं परसौरा गांव परशुराम जी का जन्मस्थल है। इस आश्रम के उद्धार केेेे लिए निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य सुंदरलाल पांडेय सुनासी सहित अन्य लोगों के सहयोग से कायाकल्प के लिए प्रयास किया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए विधायक निर्मला संखवार ने प्रभारी मंत्री महेशचंद्र गुप्ता को अवगत कराया। जिनके द्वारा शासन को धनराशि मंजूरी के लिए प्रस्ताव गया। वहीं शासन ने 47.44 लाख की मंजूरी दी। जिला पर्यटन अधिकारी डॉ. अर्जिता ओझा के मुताबिक पहली किश्त 23 लाख 72 हजार की धनराशि आ चुकी है। क्षेत्रीय लोग प्रभारी मंत्री एवं क्षेत्रीय विधायक की जमकर सराहना कर रहे हैं।
कानपुर देहात के जोत गांव का जमदग्नि ऋषि ऐतिहासिक धार्मिक स्थल अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए है। बताया जाता है कि भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ऋषि इसी गांव में एक आश्रम बनाकर पत्नी रेणुका के साथ शिव तपस्या किया करते थे और उनकी जीविका चलाने के लिए कामधेनु गाय उनके पास थी, जिसे पाने के लिए सहस्रबाहु ने परशुराम के पिता जमदग्नि का वध कर दिया था। जिसके बाद परशुराम ने सहस्रबाहु अर्जुन का वध कर दिया। तब से यह आश्रम जमदग्नि ऋषि के आश्रम से प्रसिद्ध है। आज भी लोग यहां दर्शन के लिए उमड़ते है।
आस्था का केन्द्र माने जाने वाले इस प्राचीन शिव मंदिर को जनता ने पर्यटन स्थल बनाने की गुहार भी लगाई थी। क्षेत्रीय बुजुर्गों का कहना हैं कि आज भी वहां खोजने से मानव अस्थियां निकलती हैं, जो इसको प्रमाणित करती है। आज भी यहां की मान्यता है कि यहां धनुष यज्ञ का आयोजन नहीं किया जाता हैं। कई बार लोगों ने प्रयास किया तो ऐसा करने पर दैवीय आपदा के रूप में आंधी, तेज बारिश या ओलावृष्टि हो गई। इसके अतिरिक्त इस गांव में क्षत्रिय या लोहार वर्ग के लोग निवास नहीं करते हैं। ऐसा करने पर पूरे परिवार पर संकट आ जाता है।

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