शहर के इन घरों की बढ़ाई गई निगरानी एटीएस टीम पांचों को शहर लेकर पहुंची। यहां आफाक नाम के संदिग्ध की तलाश थी। उसके जान पहचान वालों से भी पूछताछ हुई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस दौरान कुछ इलाकों में छापेमारी भी की गई। हालांकि एजेंसी को छह घरों की भी जानकारी मिली, जिनके बारे में आतंकियों को तब बताया गया था जब वह असलहा को देखने के लिए कानपुर आए थे। बताया जा रहा कि आतंकियों ने कई शहरों में घटना को अंजाम देने के बाद इन्ही घरों में छिपने की योजना बनाई थी। एजेंसी ने कानपुर के नई सड़क, चमनगंज और जाजमऊ में इन घरों को चिन्हित किया। इन घरों के बाहर निगरानी जरूर बढ़ा दी गई।
आफाक के डिजिटल फुटप्रिंट्स भी नही मिल सके सूत्रों के अनुसार यहां रहने वाले लोगों का मूवमेंट ट्रैक किया जा रहा है। सम्भवता इनके मूवमेंट से संदिग्ध आफाक के बारे में कुछ सूचना मिल सकती है। हालांकि संदिग्ध आफाक की तलाश में एजेंसी कानपुर आई थी, लेकिन उसकी कोई खास जानकारी नही मिली। आफाक ने लईक के साथ मिलकर आतंकियों को असलहा दिलवाये थे। एटीएस को उसके तीन मोबाइल नम्बर मिले थे, जिनकी लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया गया। जिसमें दो मोबाइल नम्बर बंद मिले। तीसरा कुछ मिनटों के लिए खुला था, जिसकी लोकेशन हैदराबाद में मिली थी। उसके बाद वो भी स्विच ऑफ हो गया। हालांकि एजेंसी को आफाक के डिजिटल फुटप्रिंट्स भी नहीं मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक, सम्भवता आफाक स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था। इससे ब्राउजिंग हिस्ट्री भी नहीं मिल सकी है।