मुंह से आसानी से प्रवेश करता ब्लैक फंगस पान पसाना के सेवन से ऐसे मरीजों के मुंह की खाल कमजोर हो जाती है जिससे फंगस आसानी से प्रवेश कर जाता है। साथ ही ऐसे कोविड मरीज जो पहले से ही पायरिया, मसूड़ों के संक्रमण, सब म्युकस फाइब्रोसिस, मुंह के छाले, सफेद चकत्ता की चपेट में रहे हैं। ऐसे लोग भी मुंह की जांच करा लें। विशेषज्ञों का कहना है कि मुंह में ब्लैक फंगस शुरुआत में जल्दी पकड़ में नहीं आता है। जब मसूड़ों में सूजन होती है तालू काला पड़ने लगता है तो रोगी को पता चलता है। लापरवाही पर इसका संक्रमण साइनस से दिमाग में पहुंच जाता है।
क्या कहते हैं दंत रोग चिकित्सक जेके कैंसर इंस्टीट्यूट (JK Cancer Institute) के पूर्व दंत रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अंकित मेहरोत्रा और डॉ. अभिषेक दुबे ने बताया कि ब्लैक फंगस मुंह द्वारा अधिक आसानी से घुस सकता है। अगर शुरुआत में ही जांच होने पर रोगी ठीक हो जाएगा। संक्रमण बढ़ने पर मुश्किलें बढ़ती हैं। डॉ. अंकित मेहरोत्रा ने बताया कि पान मसाला खाने वालों के मुंह के अंदर खाल कमजोर होती है, सब म्युकस फाइब्रोसिस भी हो जाता है, जिससे ब्लैक फंगस का संक्रमण आसानी से होता है। अगर कोई दांतों का पुराना रोगी है और कोविड भी हो गया तो ब्लैक फंगस को लेकर संवेदनशील हो जाता है। शुरुआत में संक्रमण पकड़ में आने से इलाज हो जाता है। इसमें पैनिक की जरूरत नहीं है।