scriptमुम्बई से कानपुर पहुंचा बॉलीबुड का जासूस, जिंदादिल शहर से आती है अपनेपन की खुशबू | boliywood comedian rajpal yadav in kanpur | Patrika News

मुम्बई से कानपुर पहुंचा बॉलीबुड का जासूस, जिंदादिल शहर से आती है अपनेपन की खुशबू

locationकानपुरPublished: Mar 22, 2018 02:55:32 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

 
राजपाल यादव को भाया कानपुर, यहां के लोगों की बोली अजब-गजब

   राजपाल यादव को भाया कानपुर, यहां के लोगों की बोली अजब-गजब
कानपुर। बॉलीबुड के एक्टर राजपाल यादव अपनी फिल्म सुपर जासूस की शूटिंग के लिए कानपुर आए हुए हैं और शहर के कई इलाकों में जाकर लोगों कां हंसा रहे हैं। राजपाल यादव ने कहा कि कानपुर जिंदादिल इंसानों का शहर है अैर यहां की मिट्टी से अपनेपन की खुशबू आती है। राजपाल ने बताया कि वह कईबार शहर आए और बहुत सारे दोस्त बनाएं। राजपाल कहते हैं कि गंगा के किनारे बसी इस नगरी से उनका बचपन से लगाव रहा। अपने माता-पिता के साथ आन्देश्वर मंदिर, पनकी हनुमान मंदिर और बिठूर के साथ ही जाजमऊ स्थित जाजमऊ टीले को देखने के लिए आए। राजपाल ने बताया कि मां गंगा से उन्हें बहुत लगाव है और जब भी यहां आने का मौका मिलता है तो भोर पहर जाकर डुबकी लगाते हैं।
एक साथ होने चाहिए चुनाव
बॉलीबुड एक्टर राजपाल यादव अपनी फिल्म सुपर जासूस की शूटिंग के लिए कानपुर आए हुए हैं और कनपुरियों को अपने मजेदार बातों से हंसा रहे हैं। राजपाल यादव ने कहा कि कानपुर एक अलाइव (जिंदादिल) शहर है। यहां के लोगों से बात करने में अपनापन सा लगता है। यही वजह है कि इस शहर में आना-जाना लगा ही रहता है। भारतीय राजनीति के बारे में बात करते हुए राजपाल बोले कि अलग- अलग पद पर समय- समय पर होने वाले चुनाव से बेहतर है कि देश में चुनाव को लेकर व्यवस्था होनी चाहिए। छह महीने के अंदर प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के चुनाव करा दिए जाने चाहिए, जिससे पुलिस प्रशासन, डीएम, नेता और जनता अपना काम अगले छह महीने में करके दिखा सके।
65 दिन धर्म-कर्म के नाम
पर्दे पर निभाए अपने सभी कैरेक्टर के बारे में वे बोले कि उन्होंने हर रंग के किरदार निभाएं हैं। खुद से वादा किया है कि कोई भी कैरेक्टर दुबारा रिपीट नहीं करेंगे। वहीं हर रोल में खुद को एक चैलेंज देता हूं। राजपाल मशहूर हास्य अभिनेता और फिल्म निर्देशक चार्ली चैपलिन को अपना आदर्श मानते हैं। कहा कि 40 की उम्र के बाद इंसान जवान होता है। असली जीना तो 40 की उम्र के बाद शुरू होता है। बोले कि उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद वे 365 दिन एक व्यवस्थित तौर पर जिएंगे जिसमें 200 दिन मसखरी, 100 दिन किसी बीच पर पार्टी या कोई राजनीतिक पार्टी के साथ काम और 65 दिन परिवार और धर्म कर्म को देंगे।
पत्नी की मौत के बाद टूट गए थे राजपाल
राजपाल ने बताया कि उनकी शादी शाहजहां जिले के कंडरा गांव में हुई थी। लेकिन उनकी मौत हो गई, जिससे हम टूट गए। हमारी बेटी किरण मुम्बई के बजाए गांव में अपने नाना-नानी के घर रही। मां के निधन के बाद ज्योति करीब 15 साल तक कुंडरा में ही रही। लेकिन पिछले 2012 में राजपाल बेटी को मुम्बई ले गए। राजपाल यादव ने बताया कि ’हीरो’ फिल्म की शूटिंग के लिए कनाडा गए थे, जहां कॉमन फ्रेंड प्रवीण डबास के जरिए उनकी राधा से मुलाकात हुई थी। राजपाल ने 10 जून 2003 को राधा से शादी कर ली थी। दोनों की हनी नाम की बेटी भी है। राजपाल ने पहली पत्नी की बेटी की शादी उसी गांव में करवाई जहां उन्होंने किरण के साथ सात फेरे लिए थे। राजपाल ने बताया कि पिछले साल बेटी की विवाह शाहजहांपुर जिले के कुंडरा में कराया। दामाद संदीप यादव इटावा के रहने वाले हैं और आगरा स्थित एक सहकारी बैंक में कैशियर की जॉब कर रहे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो