ये भी पढें: लूट खसोट करने वालों से हटकर हैं कानपुर के हिमांशु और दिलशाद, शव वाहन चलाकर कर रहे ऐसे मदद मीणों के मुताबिक गांव में कई लोगों के पास दवा छिड़कने की मशीन है। संक्रमण से बचाव के लिए लोग खुद मशीन से अपने घरों व गलियों तक को सेनेटाइज करते हैं। इसके चलते पिछले वर्ष से लेकर अभी तक गांव कोरोना संक्रमण से महफूज है। गांव में पेड़ों की संख्या अधिक होने के चलते यहां का शुद्ध वातावरण भी शुद्ध है। हर घर के बाहर लगा हरा पेड़ गांव के लिए सुरक्षा कवच बना हुआ है।
गांव के कई किसान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजें इस्तेमाल कर रहे हैं। खानपान के साथ अदरक, नींबू, काली मिर्च, तुलसी, गिलोय, लहसुन, संतरा, लौकी तरोई सहित कई अन्य विटामिन व प्रोटीन युक्त सब्जी एवं फलाहार करते हैं। ग्रामीण अनवरत हल्दी, दूध, सोंठ, लौंग, कालीमिर्च, दालचीनी, तुलसी, आंवला, मुलेठी, हर्र, बहेड़ा से लेकर अन्य औषधीय पौधों का प्रयोग करते हैैं। जिससे कोरोना का वायरस इस गांव से कोसों दूर है।