जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरि का कहना है कि कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता है। कोरोना संक्रमित मरीज के थूक और छींकने से निकलने वाली बूंदों का आकार बड़ा होता है, शरीर के अंग या किसी हिस्से में जाकर बैठ जाती हैं। इसलिए आमजन को एन-95 मास्क की जरूरत नहीं है। ट्रिपल लेयर सर्जिकल मास्क के इस्तेमाल से वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं। यह मास्क एन-95 के मुकाबले सस्ता होता है, जिसे इस्तेमाल के बाद नष्ट कर देना चाहिए।
कोरोना वायरस भी दूसरे वायरस की तरह ही होता है, जो अधिक और कम तापमान पर निष्क्रिय हो जाता है। 40 डिग्री से अधिक तापमान और 10 डिग्री से कम तापमान पर वायरस के संक्रमण का खतरा नहीं रहता है। कोरोना के खौफ से उबारने व छात्र-छात्राओं को इसके प्रति जागरूक करने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजूकेशन (सीबीएसई) ने अलर्ट जारी कर दिया है। बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को इस संबंध में बोर्ड के सचिव अनुराग त्रिपाठी का पत्र बुधवार देर रात को मिल गया। कहा गया कि स्कूलों में छात्र-छात्राओं के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर किसी तरह की दहशत न हो, इसके लिए उन्हें इससे बचाव के तरीकों की जानकारी दी जाए।
कोरोना से डरने की बजाय सावधानी बरतने से बचा जा सकता है। खाना खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोएं। अगर खांसी-जुकाम या छींक आ रही है तो मुंह पर रूमाल जरूर रखे और अगर किसी परिचित को सर्दी, खांसी, कफ, फ्लू है तो उससे दूर रहें। अगर खुद में सांस लेने की दिक्कत, जुकाम लग रहा है तो चिकित्सक से संपर्क करें। हैलट के संक्रामक रोग अस्पताल (आइडीएच) में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। अस्पताल में 100 पीपीईटी किट एवं 200 एन-95 मास्क हैं। सीएमएस डॉ. अनूप शुक्ला ने बताया कि 500 मास्क एवं 100 पीपीईटी किट का आर्डर दिया है।